हत्या के मामले में पहले से आजीवन कारावास की सजा काट रहे आरोपी पर फिर से मर्डर का आरोप लगा है। नाथद्वारा पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया है। राजसमन्द एसपी सुधीर चौधरी ने बताया कि 4 सितंबर को में एस्सार पेट्रोल पम्प के पीछे एक युवक की लाश मिली थी।
शव की शिनाख्त खमनोर निवासी खीम सिंह उर्फ अजय पुत्र नाहर सिंह के रूप में हुई। मृतक के पिता नाहर सिंह ने 13 अगस्त को बेटे की गुमशुदगी रिपोर्ट नाथद्वारा पुलिस थाने पर दर्ज कराई थी। खीम सिंह 11 अगस्त से लापता था। नाहर सिंह ने दोबारा 22 अगस्त को बेटे की गुमशुदगी को लेकर थाने में शिकायत दी थी।
रिपोर्ट में नाहर सिंह ने बताया कि 11 अगस्त को उसका बेटा खीम सिंह सुबह 9 बजे घर से नाथद्वारा जाने के लिए निकला था। दोपहर 3.30 बजे उसने घर पर मिठाई लाने की बात फोन पर कही थी। इसके बाद वह न तो घर आया न उसका फोन आया। फोन बंद आ रहा था। दोस्तों ने बताया कि आखिरी बार उसे परावल गांव के युवक देवी सिंह के साथ देखा था। देवी सिंह हत्या के मामले में पहले से खुली जेल की सजा काट रहा था।
खुली जेल से 14 अगस्त को देवी सिंह फरार हो गया था। इसका मुकदमा राजनगर थाने में दर्ज हुआ था। नाहर सिंह ने आशंका जताई थी कि देवी सिंह उसके बेटे के साथ कुछ गलत कर सकता है। इसलिए जल्द से जल्द बेटे खीम सिंह की तलाश की जाए। पुलिस मामले की जांच कर रही थी कि 4 सितंबर को उसकी लाश पेट्रोल पंप के पास मिली। यह भी सामने आया कि देवी सिंह के साथ खीम सिंह आखिरी बार नाथुवास चौराहे पर देखा गया था।
पुलिस ने देवी सिंह के बारे में पता किया तो जानकारी मिली कि उसे फरार होने के 4 दिन बाद पकड़ लिया गया था और उदयपुर जेल में शिफ्ट कर दिया गया था। पुलिस देवी सिंह को उदयपुर जेल से नाथद्वारा लाई और खीम सिंह मर्डर मामले में पूछताछ की। आरोपी देवी सिंह ने मर्डर की वारदात को कबूल किया। उसने कहा कि खीम सिंह उसकी बहन से शादी करना चाहता था। बार-बार मना करने के बाद भी वह दबाव बना रहा था। इसलिए उसका मर्डर कर दिया।
देवी सिंह ने बताया कि वह मर्डर करने के बाद हरिद्वार चला गया था। इसके बाद 18 अगस्त को लौटकर राजसमंद आ गया। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर उदयपुर शिफ्ट कर दिया। बता दें कि दो मर्डर के आरोपी देवी सिंह ने 29 जुलाई 2012 को नोजी बाई गमेती नाम की महिला के पैर काटकर चांदी के कड़े चुराए थे। नोजी बाई की मौत हो गई थी। इस मामले में एससी/एसटी एक्ट में चालान पेश किया गया था और देवी सिंह को आजीवन कारावास की सजा हुई थी।
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