राजसमंनद पॉक्सो कोर्ट ने 7 साल के बच्चे के साथ अप्राकृतिक यौन दुराचार करने के आरोपी एक युवक को 20 साल के कारावास और 35 हजार जुर्माने की सजा सुनाई है। वारदात के बाद मामला पॉक्सो कोर्ट में चल रहा था।
विशेष लोक अभियोजक राहुल सनाढ्य ने बताया कि 6 नवंबर 2021 को पीड़ित बच्चे के पिता ने रेलमगरा पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट में बताया था कि उसका बेटा पांचवीं क्लास में पढ़ता है। वह बच्चे को घर पर छोड़कर काम पर गया था। पत्नी पीहर गई हुई थी।
इस दौरान दोपहर 3 बजे उसकी भतीजी ने फोन किया कि बेटा रो रहा है। घर पहुंच कर बेटे से पूछताछ की तो बताया कि शहजाद उर्फ सलिया नाम का एक पड़ोसी उसे कुत्ते के बच्चे दिखाने के लिए घर के पीछे लेकर गया था। जहां उसने गलत काम किया और मौके से भाग गया।
प्रार्थी की रिपोर्ट पर रेलमगरा पुलिस थाने में मामला दर्ज कर अनुसंधान के बाद 6 जनवरी 2022 को शहजाद साई उर्फ सलिया के खिलाफ पाॅक्सो कोर्ट राजसमंद में आरोप पत्र प्रस्तुत किया। पीड़ित बच्चे व राज्य सरकार की ओर से पैरवी करते हुए विशिष्ट लोक अभियोजक राहुल सनाढ्य ने 29 दस्तावेज तथा 15 गवाह न्यायालय में पेश किए। पॉक्सो कोर्ट ने दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद शहजाद उर्फ सल्लू उर्फ सलिया को दोषी सिद्ध कर दिया।
प्रकरण में पुलिस थाना रेलमगरा ने पीड़ित बच्चे व अभियुक्त के कपड़े जप्त किए। चिकित्सा अधिकारी ने पीड़ित बच्चे व अभियुक्त के शरीर से सैंपल लेकर जांच हेतु विधि विज्ञान प्रयोगशाला जयपुर में भिजवाए। विशिष्ट लोक अभियोजक द्वारा एफएसएल व डीएनए रिपोर्ट न्यायालय में पेश की गई, जिससे भी यह साबित हुआ कि अभियुक्त के ब्लड सैंपल की डीएनए प्रोफाइल का मिलान पीड़ित बच्चे के कपड़ों व अभियुक्त के कपड़ों से हुआ।
इसके बाद आरोपी शहजाद पुत्र गनी मोहम्मद निवासी पछमता को पॉक्सो कोर्ट के न्यायाधीश सुनील कुमार पंचोली ने 20 साल के कठोर कारावास तथा 35 हजार रुपए के जुर्माने की सजा से दंडित किया।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.