उदयपुर की मालदास स्ट्रीट में टेलर कन्हैयालाल तेली की नृशंस हत्या के बाद वीडियो जारी कर पीएम को खुली चुनौती देने वाले आतंकी गिरफ्तारी से बचने के लिए लगातार भागते रहे। करीब 170 किमी भागने के बाद दोनों को पुलिस ने भीम हाईवे पर घेरा डालते हुए दबोच लिया। उदयपुर में दोपहर 3 बजे हत्या को अंजाम देने के बाद दोनों आतंकी मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद 2611 नंबर की बाइक (मुंबई हमले की तारीख) पर राजसमंद के लिए निकल गए।
हत्या के आधे घंटे बाद ही पुलिस ने हाई-अलर्ट जारी कर दिया था, नेशनल हाईवे पर नाकाबंदी हो चुकी थी, इसलिए हाईवे के बजाय टेढ़े-मेढ़े रास्ते चुने। उदयपुर से मावली पहुंचे, यहां से गांवों के रास्ते होते हुए महासतियों की मादड़ी (राजसमंद) पहुंचे। यहां से स्टेट हाईवे पकड़ लिया और सरदारगढ़-आमेट होते हुए देवगढ़ पहुंचे। यहां दोनों एक माेटर गैराज (रियाज 6 माह पहले यहीं काम करता था) पर पहुंचे। मदद नहीं मिली ताे दोनों तुरंत यहां से भीम के लिए निकल गए। इसी बीच किसी ने देवगढ़ पुलिस को सूचना दे दी। पुलिस ने कस्बे के सभी रास्तों पर नाकाबंदी करवा दी, लेकिन दोनों कच्चे रास्तों से होते हुए भाग निकले। दोनों ताल-लसाणी-सूरजपुरा-40 मील चौराहा होते हुए भीम पहुंचे।
लेकिन यहां भी किसी ने शरण नहीं दी। फिर गलियों से गुजरते हुए कस्बे के बाहर हाईवे पर निकल गए। थाने से अलर्ट के बाद पुलिस की पेट्रोलिंग टीम ने आगे हाईवे जाम कर दिया। देवगढ़ और भीम थाने की पुलिस भी लगातार पीछा कर रही थी। दोनों को इसकी भनक भी लग चुकी थी। फिर शाम 5 बजे भीम से करीब 10 किमी दूर हाईवे आडावाणा-जस्साखेड़ा के पास पुलिस टीमों ने घेरा डालते हुए दोनों आतंकियों को दबोच लिया।
भीम में मौलाना है रियाज का भाई, बयान को लेकर हो चुका विवाद
सूत्राें ने अनुसार हत्याकांड के आरोपी आसींद निवासी मो. रियाज का भाई भीम मस्जिद में माैलाना है। माैलाना के पूर्व में दिए गए बयान काे लेकर भी भीम के लाेगाें में आक्रोश था। उदयपुर में हुई घटना में कार्रवाई की मांग काे लेकर मंगलवार रात काे ही भीम थाने के बाहर लाेगाें ने प्रदर्शन किया था।
देवगढ़ पुलिस की सतर्कता से पकड़ में आए आरोपी
दोनों आतंकियों को पकड़ने में देवगढ़ पुलिस की विशेष भूमिका रही। देवगढ़ पुलिस पहले से हाई-अलर्ट पर थी। दोनों के कस्बे में होने की सूचना मिलते ही तुरंत एक्टिव हो गई। साथ ही भीम पुलिस को भी एक्टिव कर दिया। पूरे ऑपरेशन में देवगढ़ थानाधिकारी शैतान सिंह, शिवदर्शन, वीरेंद्र सिंह, बाबूसिंह, खीमराज, विक्रम सिंह के साथ भीम पुलिस के जवानों का भी विशेष योगदान रहा।
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