बेशकीमती जमीनों के फर्जी दस्तावेज तैयार कर मालिक बनकर बेचने के आरोपी भूमाफिया को राजसमंद के राजनगर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी के साथी को भी पकड़ा है।
राजनगर पुलिस थाना इंचार्ज डॉ हनुवंत सिंह राजपुरोहित ने बताया कि 16 सितंबर को कोर्ट के इस्तगासे से जमीन फर्जीवाड़े की रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट में जावद निवासी सुन्दर लाल पालीवाल (75) व भंवर लाल पालीवाल (60) ने एक महिला समेत 5 लोगों के खिलाफ साजिश करने के आरोप लगाए।
सुंदर लाल व भंवर लाल के मुताबिक उनकी मां के नाम की 1.09 बीघा जमीन का आरोपियों ने दूसरी महिला के नाम नामांतरण करवा दिया। फिर विक्रय पत्र के दस्तावेज 8 जनवरी 2016 को उप पंजीयन राजसमन्द के यहां पंजीयन करवा दिए। जबकि उनकी मां का निधन 25 सितंबर 2008 को हो चुकी थी। परिवार में और भी भाई-बहन होने के कारण उनके नाम पर नामांतरण नहीं खुल पाया था।
सभी अभियुक्तों को मालूम था कि उनकी माता की मृत्यु हो चुकी है। उनकी माता हगामी बाई की जगह पर एक अन्य फर्जी महिला को पेश कर दिया गया। जिसकी पहचान मनोज व प्रदीप नाम के शख्स ने की। पुलिस ने कांकरोली निवासी मनोज पुरी उर्फ बंटी (41) व प्रदीप पालीवाल (38) को गिरफ्तार कर लिया।
डॉ हनुवंत सिंह ने बताया कि मुख्य अभियुक्त मनोज पुरी ने कानूनी पेचीदगियों का इस्तेमाल किया। उसने इस प्रकरण में जोधपुर हाईकोर्ट से अपनी गिरफ्तारी पर स्टे ले रखा था। स्टे की आड़ में लोगों की जमीनों का फर्जी मालिक बनकर फर्जी तरीके से बेचान करके लाखों रुपए का हेरफेर कर रहा था। पुलिस ने मनोज पुरी के खिलाफ जोधपुर हाईकोर्ट में साक्ष्यों को पेश किया। पिछले पांच साल से मनोज पुरी पर लगा हुआ गिरफ्तारी स्टे खारिज हुआ तो पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। दोनों आरोपियों ने फर्जी तरीके से जमीन बेचना स्वीकार किया।
पुलिस को पूछताछ में मनोज ने बताया कि वह राजसमन्द व आसपास के क्षेत्र में ऐसी बेशकीमती जमीनों की पहचान करता है, जिनके मालिक बुजुर्ग हों या फिर उनकी मृत्य हो चुकी हो। उनके वारिस सीधे-साधे हों। फिर उनका फर्जी मालिक बनकर जाली दस्तावेज तैयार करके अच्छी कीमत पर जमीन बेच देता था। अन्य सदस्यों को उनके हिसाब से पैसा बांट देता था। मनोज के खिलाफ कुल 8 प्रकरण दर्ज हैं।
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