राजसमंद के आमेट थाना इलाके में सोमवार रात अवैध खनन का विरोध करने पर युवक की पिटाई करने के बाद रेत माफिया ने उसे ट्रैक्टर से रौंद दिया। मंगलवार दिनभर आमेट हॉस्पिटल की मॉर्च्युरी के बाहर परिजन और ग्रामीणों ने हंगामा किया और पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
दिनभर के घटनाक्रम के बाद शाम 3.30 बजे तक पुलिस को समझाइश करने में मशक्कत करनी पड़ी। आखिरकार 8 लाख के मुआवजे और मृतक की पत्नी को रोजगार देने पर सहमति बनी और परिजन शव का पोस्टमॉर्टम कराने के लिए तैयार हुए। शाम 3.45 बजे पोस्टमॉर्टम की कार्रवाई शुरू हुई।
परिजनों के साथ पुलिस की 6 बार वार्ता हुई। आखिरकार एसपी और जिला कलेक्टर मौके पर पहुंचे और परिजनों को समझाया। इसके बाद परिजन शव उठाने के लिए तैयार हुए।
खेत में अवैध खनन से रोका तो निर्मम हत्या
आमेट निवासी दुकानदार मनीष पालीवाल (32) वर्ष पुत्र नंदलाल सोमवार रात 10 बजे कस्बे से 2 किलोमीटर दूर गांगा गुड़ा गांव पहुंचा जहां चंद्रभागा नदी के पास अपने खेत संभाल रहा था। वहीं मवेशियों को पानी पिलाने भी गया था। वहां कुछ लोग खेत में रेत खनन करते नजर आए।
मनीष ने खनन माफियाओं का विरोध किया तो वे लोग मनीष से उलझ गए। सभी ने मिलकर मनीष की बुरी तरह पिटाई कर दी। इसके बाद मनीष पर रेत से भरा ट्रैक्टर चढ़ा दिया। बुरी तरह घायल मनीष को नजदीकी लोगों ने आमेट हॉस्पिटल पहुंचाया। वहां से उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया लेकिन रास्ते में मनीष की मौत हो गई। शव को आमेट हॉस्पिटल की मॉर्च्युरी में रखवा दिया गया।
मॉर्च्युरी के बाहर बड़ी तादाद में जुटे लोग
घटना की जानकारी मंगलवार रात लगी तो कस्बे के लोग आमेट हॉस्पिटल की मॉर्च्युरी के बाहर जुट गए। लोगों ने कड़ा आक्रोष जताते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की। पुलिस के खिलाफ यहां जमकर नारेबाजी की गई। आस-पास के गांवों से भी लोग आकर हॉस्पिटल के बाहर जमा हो गए। घटना के विरोध में कई कस्बों के चौराहों पर टायर फूंककर रास्ता जाम कर दिया गया।
माहौल बिगड़ने की आंशका को देखते हुए मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया। आमेट हॉस्पिटल में एडीएम राम चरण शर्मा, एएसपी शिव लाल बैरवा, कुंभलगढ डिप्टी नरेश शर्मा, राजनगर थानाधिकारी डॉ हनुवंत सिंह राजपुरोहित सहित काफी संख्या में पुलिस के जवान तैनात हो गए।
अधिकारियों ने मृतक मनीष के परिजनों के साथ समझाइश की। मौके पर माइनिंग अधिकारी को भी बुलाया गया।
परिजनों ने रखी थीं तीन मांगें, 6 बार वार्ता हुई फेल
मृतक के परिजनों सहित स्थानीय लोगों ने पुलिस के सामने 3 प्रमुख मांगें रखी। जिसमें वारदात को अंजाम देने वाले सभी आरोपियों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी, मृतक के परिजनों को उचित मुआवजा मिले व भविष्य में ऐसी घटना दोबारा न हो इसके लिए पुलिस ठोस कदम उठाए। दिनभर चली समझाइश के बाद शाम 4 बजे के करीब मनीष के परिजन 8 लाख मुआवजा व मनीष की पत्नी को रोजगार दिए जाने के आश्वासन पर माने।
इससे पहले परिजनों के साथ 6 बार वार्ता की गई, जिसमें सहमति नहीं बन सकी थी। आखिरकार 8 लाख मुआवजा और मनीष की पत्नी अंजली को संविदा पर नौकरी व बच्चों को पालन हार योजना से जोड़कर लाभ दिए जाने पर सहमति बनी और परिजन शव उठाने को तैयार हुए।
इसके अलावा रेत माफियाओं की धरपकड़ के लिए अलग-अलग क्षेत्रों में टीमें बनाकर भेजी गई हैं। पुलिस ने कहा कि जल्द ही सभी आरोपियों को भी पकड़ लिया जाएगा। सहमति बनने के बाद शव का पोस्टमॉर्टम की प्रक्रिया दोपहर 3.45 बजे शुरू की जा सकी। पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। फिलहाल मौके पर पुलिस बल तैनात है।
किराना दुकान चलाता था मनीष
मनीष की आमेट में किराना की दुकान थी। उसकी शादी 3 साल पहले हुई थी। उसे 2 साल का बेटा है। पत्नी अंजली अभी गर्भवती है। मनीष के पिता नन्दलाल पालीवाल खाना बनाने का काम करते थे। मनीष के दो भाई हैं।
घटना के विरोध में बंद रहा मार्केट
सोमवार रात हुई वारदात के विरोध में मंगलवार को आमेट कस्बे में दुकानें बंद रहीं। लोगों ने कई जगह टायर जला कर रास्ता जाम किया और हत्यारों को पकड़ने की मांग की। दिन भर आमेट हॉस्पिटल की मॉर्चुरी के बाहर सैकड़ों की तादाद में लोग जुटे रहे। इस दौरान पुलिस से कई बार उनकी बहस और नोक-झोंक हुई। लोग कलेक्टर एसपी को बुलाने की मांग पर अडे़ रहे।
मौके पर एसपी और जिला कलेक्टर पहुंचे और समझाइश कर मामला शांत कराया।
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