डांग क्षेत्र में स्थित तिमनगढ़ किले के पास तलहटी गांव के जैन मंदिर आश्रम में चल रही भागवत कथा का शनिवार को भंडारे के साथ समापन किया गया। भंडारे में करीब 50 गांवों के श्रद्धालुओं ने पंगत प्रसादी जीमी। इस अवसर पर भागवत कथा का वाचन करने वाले आचार्य हरेंद्रानंद सरस्वती ध्रुव घटा वालों का ग्रामीणों ने भव्य स्वागत सत्कार किया।
भागवत कथा के अंतिम दिन आचार्य हरेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि सभी लोग बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ आध्यात्मिक संस्कारवान भी बनाएं। आचार्य सरस्वती ने राष्ट्रवाद, राष्ट्रीय एकता एवं समानता के संबंध में विचार व्यक्त किए। इस मौके पर विप्र फाउंडेशन के तहसील अध्यक्ष राजेंद्र चतुर्वेदी, उपाध्यक्ष सियाराम शर्मा सूरौठ, प्रवक्ता प्रमोद तिवाड़ी, पवन तिवाड़ी धुरसी सहित काफी लोगों ने आचार्य हरेंद्रानंद सरस्वती का साफा माला पहनाकर सम्मान किया। भंडारे में सुबह से ही श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया। देर शाम तक 50 गांवों के लोगों ने प्रसादी जीमी। भागवत कथा का आयोजन जैन मुनि मणिरत्न सागर के सानिध्य में भामाशाह शैलेंद्र घिया मुंबई सहित कई लोगों के सहयोग से किया गया। भंडारे के दौरान कथा स्थल पर मेले जैसा माहौल हो गया।
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