जिला मुख्यालय पर स्थित फूल उत्कृष्ट केंद्र पर मंगलवार को राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत के अन्तर्गत विशिष्ट फूलों में प्रौद्योगिकी हस्थानांतरण विषय पर दो दिवसीय राज्य स्तरीय कृषक सेमीनार आयोजित हुई। शुभारंभ कार्यक्रम के जिला परिषद के मुख्य अतिथि मुख्य कार्यकारी अधिकारी अभिषेक खन्ना ने किसानों को परंपरागत खेती से हटकर उद्यानिकी फसलों की ओर कदम बढ़ाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि फूलों की खेती किसानों की आमदनी बढ़ाकर उन्हें खुशहाल और मालामाल कर देती है। किसान बायोवेस्ट से नाडेप कंपोस्ट बनाकर जैविक खेती को अपनाएं, जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी और गुणवत्तायुक्त जहरमुक्त उत्पादन होगा। सेमीनार के प्रशिक्षण सत्र में महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय उदयपुर के प्रोफेसर डॉ.एल.एन. महावर ने किसानों को संरक्षित खेती की जानकारी देते हुए रजनीगंधा, ग्लेडियोलस, गुलाब, गुलदाउदी आदि की खेती का प्रेजेंटेशन दिया। फूल उत्कृष्टता केंद्र के उपनिदेशक लखपत लाल मीणा ने केंद्र पर उत्पादित फूलों के उत्पादन, प्रशिक्षण, प्रसंस्करण व विपणन गतिविधियों से रुबरू कराया। सेमीनार में सवाईमाधोपुर जिले सहित श्रीगंगानगर, राजसमंद, बूंदी, करौली, भरतपुर आदि जिले के 100 किसान एवं कार्मिक भाग ले रहे हैं। कृषि पर्यवेक्षक विजय जैन ने बताया कि सेमीनार के द्वितीय दिवस बुधवार को में इंटरनेशनल हॉर्टिकल्चर इन्नोवेशन एंड ट्रेनिंग सेंटर दुर्गापुरा जयपुर के विशेषज्ञों द्वारा कृषकों को संरक्षित खेती के तहत फूलों के उत्पादन की तकनीकी, नर्सरी प्रबंधन एवं मार्केटिंग की विस्तृत जानकारी दी जाएगी। सेमीनार का संचालन कृषि पर्यवेक्षक सुरेश स्वर्णकार ने किया।
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