राज्य सरकार ने नगरीय निकायों में रहने वाले लोगों को उनके मांगने पर प्रतिवर्ष 100 दिवस का रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट में इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारन्टी योजना प्रारम्भ की है। इस योजना के बेहतर क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकार द्वारा नगर पालिकाओं/नगर परिषदों/नगर निगमों में स्वीकृत संविदा पदों पर कार्मिकों की नियुक्ति करने की स्वीकृति प्रदान की गई है। इस संबंध में बुधवार को कलेक्टर सुरेश कुमार ओला की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार मे बैठक आयोजित की गई।
कलेक्टर ने कहा कि उक्त योजना के तहत वार्षिक कार्य योजना तैयार करें, इससे पूर्व प्रथम 3 माह की कार्य योजना तैयार कर समिति से अनुमोदन कराएं। कार्य करने के लिए इच्छुक परिवारों का चयन कर सूची बना लें एवं पर्याप्त मात्रा में आवेदन फार्म, जॉब कार्ड एवं मस्टररोल भी छपवा लें। उन्होंने इस योजना में साफ-सफाई से संबंधित अधिक से अधिक कार्य जिले के शहरी क्षेत्र में कराए जाने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि राजस्थान सरकार के कार्मिक विभाग की अधिसूचना के प्रावधानों के अन्तर्गत नगरीय निकायों में संविदा पदों पर कार्मिकों की नियुक्ति करने के लिए शीघ्र कार्रवाई की जाए। संविदा पदों पर कार्मिकों की नियुक्ति करने के लिए कार्मिक विभाग के प्रावधानों के अन्तर्गत भर्ती नियमों, पदों के आरक्षण, पदों की योग्यता, भर्ती प्रक्रिया, पदों को भरने के लिए विज्ञप्ति जारी करने के लिए नियमों एवं कार्मिक विभाग द्वारा समय-समय पर जारी दिशा निर्देशों की पालना करते हुए आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
योजना के पात्र: नगर परिषद आयुक्त नवीन भारद्वाज ने बताया कि शहरी क्षेत्र में रहने वाले ऐसे परिवार, जिनके जन आधार कार्ड बने हुए हैं तथा ऐसे परिवारों के 18 से 60 वर्ष आयु के इच्छुक श्रमिक अपने संबंधित नगर निकायों में रोजगार के लिए आवेदन कर सकता है। आवेदन करने के 15 दिवस के अंदर उसे 100 दिवस का रोजगार उपलब्ध करवाया जाएगा।
योजना के तहत यह काम होंगे
नगर परिषद आयुक्त ने बताया कि उक्त योजना में पर्यावरण संरक्षण के तहत विभिन्न कार्य किए जाएंगे।
• सार्वजनिक स्थानों पर पौधारोपण, उद्यान संधारण, फुटपाथ, डिवाइडर व अन्य सार्वजनिक स्थानों पर लगे हुए पौधों को पानी देने व संधारण कार्य।
• नगर निकाय निकायों, वन, उद्यानिकी व कृषि विभाग के अधीन नर्सरी में पौधे तैयार करने, श्मशान व कब्रिस्तान में सफाई व पौधरोपण संबंधी कार्य, उद्यानिकी से संबंधी कार्य, फोरेस्टरी से संबंधित कार्य।
• तलाब, गिनाणी, टांके, बावड़ी, जोहड़ आदि की मिट्टी निकालने, सफाई व सुधार संबंधी कार्य, रेन वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर का निर्माण, मरम्मत व सफाई संबंधी कार्य, जल स्त्रोतों के पुनर्रूद्धार संबंधी कार्य।
• स्वच्छता एवं सेनिटेशन के तहत ठोस कचरा प्रबंधन, नगरी अपशिष्ठ के घर-घर संग्रहण एवं पृथक्कीकरण के लिए श्रमिक कार्य, डम्पिंग साइट/एम.आर.एफ. सेन्टर पर कचरे का पृथक्कीकरण कार्य, सार्वजनिक/सामुदायिक शौचालय व मूत्रालय की सफाई व रखरखाव, नाला/नालियों की सफाई का कार्य।
• सड़क व सार्वजनिक स्थल पर झाड़ियों व घास की सफाई कार्य एवं निर्माण व विध्वंस कार्यों से उत्पन्न सामग्री को हटाने का कार्य।
• सम्पति विरूपण रोकने से संबंधी कार्यों के तहत अतिक्रमण व अवैध बोर्ड/होर्डिंग्स/बैन र आदि हटाने के लिए लेबर कार्य, सड़क डिवाइडर, रैलिंग, दीवार, सार्वजनिक दृश्य स्थल आदि की पुताई, पेंटिंग कार्य।
• कन्वर्जेंस कार्य के तहत प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी), मुख्यमंत्री जन आवास योजना के अन्तर्गत निर्माण कार्य में कन्वर्जेन्स, केन्द्र व राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के अनुमत घटक के साथ निर्माण कार्य में कन्वर्जेन्स, नगरीय निकाय के स्वयं के स्त्रोत से संचालित निर्माण कार्य में श्रम मद के लिए कन्वर्जेन्स सहित सेवा सम्बन्धी कार्यों एवं हेरीटेज संरक्षण से संबद्ध कार्य।
बैठक में नगर परिषद एईएन नीलम कोठारी, नगर परिषद स्वास्थ्य निरीक्षक गजेंद्र सिंह, नगर परिषद जेईएन राज रामावत सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
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