एनीमिया मुक्त राजस्थान कार्यक्रम के तहत बच्चों, किशोर-किशोरियों, प्रजनन उम्र की महिलाओं, गर्भवती महिलाओं तथा धात्री माताओं में एनिमिया की दर कम करने के लिए मंगलवार को जिले के सभी चिकित्सा संस्थानों व आंगनबाड़ी केंद्रों पर शक्ति दिवस का आयोजन किया गया। इस दौरान जिले के जिला चिकित्सालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, हैल्थ वैलनेस सेंटर पर नियमित ओपीडी के अलावा मरीजों के हिमोग्लोबिन की जांच और उपचार किया गया।
सीएमएचओ डॉ. धर्मसिंह मीना ने बताया कि 6 माह से 59 माह तक के बच्चों, 5 से 9 वर्ष तक के स्कूल नहीं जाने वाले बच्चों, 10 से 19 वर्ष की स्कूल नहीं जाने वाली किशोरी बालिकाओं, 20 से 24 वर्ष की विवाहित महिलाओं, गर्भवती महिलाओं एवं धात्री महिलाओं को आशा द्वारा मोबेलाइज कर शक्ति दिवस के दिन आंगनबाड़ी केन्द्र पर लाया गया। उपस्वास्थ्य केन्द्रों पर एएनएम द्वारा समस्त लक्षित लाभार्थियों की एनीमिया की स्क्रीनिंग की गई। महिलाओं एवम् बच्चों को थकान, भूख ना लगना, नाखूनों का सफेद होना, जीभ पर सफेद परत का होना जैसे कुछ सामान्य लक्षणों के आधार पर तथा एनीमिक पाए गए लोगों को दवा वितरित की गई।
साथ ही एनीमिक पाई गई महिलाओं, बच्चों का उपचार कराने के लिए लगातार फोलोअप किया जाएगा। आशा द्वारा 6 माह से 59 माह तक के बच्चों को 1 एमएल आईएफए सिरप पिलाई गई। 5 से 9 वर्ष के स्कूल नहीं जाने वाले बच्चों का आईएफए की गुलाबी गोली खिलाई गई। 10 से 19 वर्ष तक की स्कूल नहीं जाने वाली समस्त किशोरी बालिकाओं को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा आईएफए की नीली गोली खिलाई गई। जिला एवं ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों द्वारा सत्रों का निरीक्षण किया गया।
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