खसरा-रुबेला उन्मूलन के लिए जिले में मंगलवार से अभियान का आगाज किया गया। शत-प्रतिशत खसरा-रूबेला टीकाकरण के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग सुदृढ कार्य योजना बना कर अन्य संबंधित विभागों के साथ समन्वय कर कार्य किया जा रहा है। खसरा रूबैला का टीका 9 माह तथा 16 से 24 माह पर लगाया जाता है।
अभियान के दौरान 5 वर्ष तक के उन सभी बच्चों को लगाया जाएगा जो टीकाकरण से वंचित रह गए हैं। विभाग द्वारा खसरा रूबैला एलिमिनेशन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। लक्ष्य प्राप्ति के लिए चिकित्सा अधिकारी प्रभारियों द्वारा एमआर 1 तथा एम आर 2 टीकाकरण के लिए प्रयास व नियमित मॉनिटरिंग की जाएगी। अभियान के अंतर्गत दिसंबर 2023 तक जिले में एमआर टीका 1 डोज व एमआर टीका 2 डोज का कम से कम 95 प्रतिशत टीकाकरण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। मंगलवार को विभिन्न सत्रों में, गांव ढाणियों में, दूरस्थ छूटे हुए क्षेत्रों में विभागीय कार्मिकों द्वारा खसरा रू बेला का टीकाकरण किया गया। टीकाकरण सत्र लगाने से पूर्व आशा सहयोगिनी के माध्यम से क्षेत्र में टीकाकरण से वंचित बच्चों की ड्यू लिस्ट तैयार की जा चुकी है। सरकारी एवं निजी विद्यालयों, आंगनबाड़ी केन्द्रों, मदरसों, पंचायतीराज संस्थाओं, स्वयं सेवी संस्थाओं को भी अभियान से जोडा गया है। कलेक्टर ने किया पोस्टर का विमोचन: कलेक्टर सुरेश कुमार ओला ने खसरा रूबैला टीकाकरण के पोस्टर का विमोचन किया और अभियान का लक्ष्य प्राप्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने शिक्षा विभाग तथा महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत बच्चों का शत प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित किया जाए। फीवर विद रेशेज का कोई भी केस हो तो उसकी रिपोर्ट करें। उन्होंने टीकाकरण अभियान की सफलता के लिए सभी वर्गों के बच्चों खासकर ईंट भट्टा मजदूर तथा फुटपाथ पर रहने वाले लोगो के बच्चों का टीकाकरण करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. रूकमकेश मीना, एसएमओ डब्ल्यूएचओ बाड़मेर डॉ. पंकज सुथार, एसएमओ डब्ल्यूएचओ सवाई माधोपुर डॉ. राजेश जैन, के.के. गोस्वामी, हर्षवर्धन सिंह राजावत मौजूद रहे।
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