चौथ का बरवाड़ा कस्बे के आधे भाग के गंदे पानी की निकासी के लिए सबसे बड़ी मुसीबत बने रेलवे नाले की सफाई कार्य में पंचायत ने सफलता हासिल की है। 40 साल से रेलवे प्लेटफार्म के नीचे बने नाले की सफाई नहीं होने से पानी की निकासी अवरुद्ध हो गई थी। ऐसे में कई घरों में जलभराव की स्थिति पैदा हो रही थी। नाला प्लेटफाॅर्म के नीचे होने के कारण जब रेलवे से इसकी सफाई की मांग की गई तो रेलवे ने एक करोड़ का स्टीमेट ग्राम पंचायत को थमा दिया। ऐसे में ग्राम पंचायत द्वारा कुआं में आडा बोर करने वाली प्रेशर मशीन से प्लेटफॉर्म के नीचे नाले की सफाई शुरू की।
जिसमें काफी मशक्कत के बाद नालों की सफाई होने तथा गंदा पानी निकल जाने से लोगों ने राहत की सांस ली। चौथ का बरवाड़ा के आधे भाग का गंदा एवं बरसाती पानी रेलवे स्टेशन के पास स्थित नाले से होकर प्लेटफॉर्म के नीचे होकर दूसरी तरफ जाता है। रेलवे प्लेटफार्म के नीचे 40 साल पहले डबल लाइन होने के बाद नाले को रखा गया था। जिसमें 150 फीट लंबे पाइप होने तथा धीरे धीरे कर कचरा इसमें जमा होने से पानी की निकासी अवरुद्ध हो गई है। ऐसे में गंदा पानी नहीं निकल पा रहा है तथा आगामी बरसात में कस्बे के 5000 से अधिक लोगों को पानी निकासी नहीं होने से जलभराव की स्थिति का सामना करना पड़ रहा था।
इस मामले को लेकर सांसद सुखबीर सिंह जौनपुरिया ने रेलवे के डीआरएम नरेंद्र को लिखित में सूचना दी थी। साथ ही ग्राम पंचायत द्वारा पत्र व्यवहार करने के बाद रेलवे ने एसडीएम के माध्यम से ग्राम पंचायत को इसकी पूरी सफाई के लिए 1 करोड़ रुपए रेलवे को दिए जाने का पत्र लिखा। सरपंच सीता सैनी ने बताया कि ग्राम पंचायत के पास इतनी राशि नहीं है। ऐसे में आडा बोर की प्रेशर मशीन तथा जेसीबी मशीन की सहायता से रेलवे की निगरानी में सफाई शुरू कर दी। देसी जुगाड़ की तरह करे गए इस कार्य के बाद गंदा पानी पूरी तरह से निकल गया तथा लोगों ने राहत की सांस ली।
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