वर्तमान में देश में कोरोना संक्रमण के कारण विकट स्थिति बनी हुई है। गांव से लेकर बड़े-बड़े महानगरों में कोरोना के कारण परिवार के परिवार दुनिया से विदा हो गए, कहीं बच्चों के सिर माता-पिता का साया उठ गया। उनके बच्चों की परवरिश का संकट खड़ा हो गया है। आम नागरिक होने के नाते हमारा भी कर्तव्य है, कि समाज के कुछ कर सके तो करें। इसलिए गौरीशंकर निर्मला देवी मंडावेवाला ट्रस्ट ने अनूठी पहल करते हुए ऐसी बेटियों को गोद लेने का निर्णय लिया है, जिनके परिवार में बेटी के सिर से पिता का साया छीन गया है।
मुख्य ट्रस्टी गौरीशंकर मंडावेवाला ने ऐसी बेटियों को ‘मेरी बेटी-मेरा गौरव’ मानते हुए ट्रस्ट ने उन्हें 12वीं तक पढ़ाने से लेकर उनका समस्त खर्चा उठाने का बीड़ा उठाया है। इसे एक पखवाड़े में मूर्त रूप दे दिया जाएगा। इन बेटियों को 12वीं तक पढ़ाने, स्कूल ड्रेस एवं पुस्तकों का समस्त खर्चा ट्रस्ट वहन करेगा। साथ ही उन्हें 12वीं तक पढ़ाई के दौरान एक हजार रुपए प्रति महीने घर खर्च के तौर पर दिए जाएंगे।
ऐसे बेटियों के परिवार को अन्य कोई समस्या होगी तो ट्रस्ट प्राथमिकता के आधार पर उनका समाधान करेगा। मसलन किसी परिवार में बेटी पांच साल की है और तीसरी में पढ़ती है तो उसकी 9 साल तक पढ़ाई से लेकर खुद के खर्च का सारा खर्चा ट्रस्ट वहन करेगा, इसके लिए व्यापक योजना बनानी पड़ेगी।
फिलहाल इस योजना को चूरू तहसील के चूरू नगरपरिषद, रतननगर नगरपालिका एवं 108 गांव में लागू किया जा रहा है। आगे जिले में भी लागू किया जा सकता है। मेरी बेटी-मेरा गौरव कार्यक्रम की शुरुआत रविवार को उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ की। प्रदेश में पहली ऐसी अनूठी पहल का दावा है।
ऐसी बेटियां वेबसाइट या टीम काे कर सकेंगी आवेदन
राठाैड़ से मिली मंडावेवाला काे प्रेरणा, बाेले-उनके दिल में चूरू धड़कता है : मुख्य ट्रस्टी गौरीशंकर मंडावेवाला ने बताया कि इस काम की उन्हें चूरू विधायक एवं उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ से प्रेरणा मिली। सही पूछो तो उनके मन में केवल चूरू धड़कता है। वे कहीं भी रहें, चूरू और यहां के लोगों के बारे में सोचते रहे।
उनसे प्रभावित होकर लोगों के लिए कुछ करने की ठानी। इसलिए ट्रस्ट ने डीबीएच में ऑक्सीजन संयंत्र लगाने में सहयोग का निर्णय लिया। अब ‘मेरी बेटी-मेरा गौरव’ के तहत तहसील ऐसी बेटियों को गोद लेने का निर्णय लिया, जिनके सिर से कोरोनाकाल में पिता का साया छीन गया। ट्रस्टी वेणुगोपाल मंडावेवाला ने बताया कि चूरू तहसील में कोरोना में काल कलवित हुए ऐसे परिवारों को चिह्नित करने के लिए तीन सदस्यीय टीम बनाई है। गांवों के लिए प्रधान दीपचंद राहड़, चूरू शहर के लिए भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य हरलाल सहारण एवं रतननगर पालिका में ऐसे परिवार को पूर्व चेयरमैन सत्यनारायण सैनी चिह्नित करेंगे। ऐसे परिवार वेबसाइट से या तीन सदस्यीय टीम के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।
टीम करेगी ऐसे परिवार की बेटियों की देखभाल, हर महीने 1000 रुपए भी देंगे
ट्रस्ट के मंडावेवाला ने बताया कि ऐसे परिवार की बेटियों को चिह्नित करके उनकी देखभाल एवं सहायता पहुंचाने का काम ट्रस्ट द्वारा बनाई गई टीम करेगी। ये काम एक पखवाड़े में शुरू कर दिया जाएगा। कोरोनाकाल के दौरान अपने पिता को खोनी वाली ऐसी बालिका का चयन करके ट्रस्ट रिकाॅर्ड संधारित करेगा। हर महीने उन्हें 1000 रुपए भिजवाने के अलावा पढ़ाई का समस्त खर्चा भी वहन करेंगे।
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