चूरू में एक युवक को मोबाइल की ऐसी लत लगी कि वह अपने परिजनों को ही भूल गया। उन्हें पहचानने से इनकार कर दिया। काम और खाना-पीना तक छोड़ दिया है। दिनभर कमरे में पड़ा रहता है। जब देखो तो मोबाइल पर बात करता रहता है। गेम खेलता रहता है। वॉट्सएप पर चैटिंग में व्यस्त रहता है। उसे नींद भी आनी बंद हो गई। पिछले 5-6 दिन से तबीयत कुछ ज्यादा बिगड़ने लगी तो परिजन अकरम को अस्पताल ले गए।
साहवा कस्बे का अकरम गांव में ही बिजली की मोटर बाइंडिंग का काम करता है। उसे एक साल से मोबाइल की लत है। उसका असर अब साफ दिखने लगा है। पिछले 5 दिन से वह सो नहीं पाया है। तबीयत बिगड़ने पर राजकीय भरतिया अस्पताल में भर्ती करवाया गया तो अस्पताल में भी अकरम मोबाइल देखता रहा। इसके बाद परिवार को ही पहचानने से इनकार कर दिया। मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. जितेन्द्र कुमार ने बताया कि युवक की कई जांच की गई है। रिपोर्ट आने के बाद बीमारी का पता चलेगा।
मोबाइल के कारण एक महीने से काम धंधा छोड़ा
अकरम के चचेरे भाई अरबाज ने बताया कि वह एक साल से लगातार मोबाइल चला रहा है। पिछले कुछ दिनों से अधिकतर समय फोन पर ही बिताता है। मोबाइल के चलते उसने एक महीने से अपना काम भी छोड़ दिया। दिन भर मोबाइल पर लगा रहता था। पूरा समय मोबाइल देखने में ही बिताता। परिवार से भी बात करना बंद कर दिया। पूरी-पूरी रात मोबाइल पर चैट और गेम खेलता रहता है। खाना-पीना भी छोड़ दिया था।
मां बोली- कई दिनों से खाना नहीं खाया
अकरम की मां ने बताया कि पिछले पांच-छह दिनों से खाना भी नहीं खा रहा। रात को जब खाना देने कमरे में जाती, बेड पर खाना बिखेर देता। उसके पिता विदेश में रहते हैं। छोटा भाई अलताफ पढ़ता है।
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