झुंझुनू जिले में हरी लकड़ियों की तस्करी थमने का नाम नहीं ले रही है। वहीं वन विभाग की टीम लगातार बॉर्डर एरिया में नाकाबंदी कर रही है। अब हरी लकड़ियों के साथ कोयले की तस्करी भी झुंझुनूं जिले से की जा रही है। वन विभाग की टीम ने सूरजगढ़ क्षेत्र के गांव पीलोद में कल हरी लकड़ियों से भरी तीन पिकअप जब्त की। इसी दौरान एक ट्रक को रुकवा कर उसकी तलाशी ली गई तो उसमें कोयला भरा मिला जिसकी कीमत डेढ़ लाख रुपये है।
तीनों जीप में 80 क्विंटल हरी लकड़ियां भरी हुई थी। गौरतलब है कि बुधवार को भी हरियाणा के भिवानी क्षेत्र की सिंघाना मंडी में बड़ी संख्या में हरी लकड़ियों से भरी गाड़ियां जब्त की गई थी। जब्त की गई गाड़ियों में 40 गाड़ियां झुंझुनू की थी। सभी गाड़ियां जिले से ही जा रही थी उसके बाद वन विभाग की टीमें अब लगातार नाकाबंदी कर संदिग्ध गाड़ियों को रोककर उनकी तलाशी ले रही है।एक आंकड़े के मुख्य मुताबिक झुंझुनू जिले से रोजाना 100 से अधिक गाड़ियों में लड़कियों की तस्करी होती है
हरियाणा में ईंट भट्टे और ढाबे ज्यादा इसलिए होती है ज्यादा खपत
हरियाणा में ईंट भट्टे और ढाबे ज्यादा हैं इसी वजह से खेजड़ी और बबूल की लकड़ी की यहां काफी कमी है। इसी के चलते राजस्थान के बॉर्डर जिले जिनमें सीकर,चूरू ,अलवर और झुंझुनू से लकड़ियों की तस्करी हो रही है। हरियाणा क्षेत्र के गोद बलाहा इलाके में करीब एक दर्जन आरा मशीनें चल रही हैं। झुंझुनू से लकड़ियां सीधे इन आरा मशीनों पर पहुंचती हैं।
हरी लकड़ियां खरीदने और हरियाणा ले जाने के लिए कई दलाल सक्रिय
हरी लकड़ियां खरीदने और उन्हें हरियाणा तक ले जाने के लिए जिले में कई दलाल सक्रिय हैं। चनाना ,सुल्ताना ,पदमपुरा ,केहरपुरा ,किशोरपुरा , जाखल ,देवगांव ,गोठड़ा ,खिरोड़ ,गुढा,सुलाना, बरहमपुर, केड, चिरानी जसरापुर समेत कई गांव में एजेंट सक्रिय हैं। यह लोगों से संपर्क कर लकड़ियों का मोलभाव करते हैंं। सौदा तय होने पर मौके पर ही रुपए देते हैं। और जेसीबी से पूरा पेड़ उखाड़ा जाता है और रात को ही गाड़ी में भरवा कर हरियाणा के लिए रवाना कर दी जाती है। खेती की आड़ में यह कई बार वन विभाग की जमीन से भी पेड़ काट देते हैं।
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