शराब ठेके के सेल्समैन की हत्या का मामला:फायरिंग की सूचना देने वालों को ही धमकाती रही पुलिस केवल एक को पकड़ा, बाकी खुले घूमकर साजिश रचते रहे

झुंझुनूंएक वर्ष पहलेलेखक: मोहम्मद मुस्लिम
  • कॉपी लिंक
जयसिंहपुरा में फायरिंग के बाद मिला खाली खोल। - Dainik Bhaskar
जयसिंहपुरा में फायरिंग के बाद मिला खाली खोल।
  • 11 दिन पहले फायरिंग की बात पुलिस नहीं मान रही, भास्कर ने जुटाए फायरिंग के सबूत
  • पुलिस चाहती तो रोकी जा सकती थी यह हत्या

मेघपुर-पांथड़ाेली गांव में रविवार रात को शराब ठेके के सैल्समैन की हत्या पुलिस की लापरवाही का बड़ा नतीजा है। यदि पुलिस अलर्ट होती और समय पर कार्रवाई की मंशा रखती तो हो सकता था कि बदमाश यह दुस्साहस ना दिखा पाते। क्याेंकि पूरे मामले में पुलिस पिछले दस दिन से टालमटोल का रवैया अपनाती रही। जिसका नतीजा यह हुआ कि बेखौफ बदमाशों ने रविवार रात सेल्समैन पांथड़ाेली निवासी अरविंद (26) पुत्र घनश्याम अहीर की सिर में गोली मारकर हत्या कर दी। हमले में उसका भाई अश्वनी घायल हो गया।

इन्हीं बदमाशों ने करीब 11 दिन पहले बुहाना थाना क्षेत्र के जयसिंहपुरा फार्म हाउस में अंधाधुंध फायरिंग की थी। सामने आया है कि इस फायरिंग की सूचना पुलिस को दी गई थी। बाद में जिन लोगों पर फायरिंग हुई उन्होंने इसकी रिपोर्ट भी दी, लेकिन पुलिस ने ना केवल सूचना देने वाले को ही धमकाया, बल्कि रिपोर्ट के बावजूद आरोपियों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया।

पुलिस ने केवल एक आरोपी को गिरफ्तार किया। शेष आरोपी बाहर घूमकर दूसरे पक्ष को जान से मारने की धमकी देते रहे और आखिरकार उन्होंने ऐसा ही किया। इधर, सेल्समैन की हत्या के मामले की जांच अब सिंघाना थानाधिकारी करेंगे। पहलेे जांच पचेरी कलां थानाधिकारी बनवारीलाल यादव को दी गई थी।

23 दिसंबर को हुई फायरिंग के यह तीन सबूत, जिन्हें पुलिस झुठला रही है

1. एसपी ने कहा-फायरिंग जैसी जानकारी नहीं तो फिर खाली कारतूस कहां से आए
दैनिक भास्कर ने सैल्समैन की हत्या के बाद एसपी प्रदीपमोहन शर्मा से पूछा था कि दस दिन पहले फायरिंग के बावजूद पुलिस ने लापरवाही बरती और किसी भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया तो उनका कहना था कि फायरिंग जैसी बात सामने नहीं आई है। जबकि उसी दिन पुलिस ने मौके से तीन खाली कारतूस भी बरामद किए थे। ऐसे में सवाल उठता है कि यदि जांच में फायरिंग जैसी बात सामने नहीं आई है तो फिर उस दिन खाली कारतूस कहां से आए। 31 दिसंबर को मामले में एक जने को गिरफ्तार भी किया।

2. प्रत्यक्षदर्शी पेट्रोल पंप संचालक : मैंने दी थी फायरिंग की सूचना

जिस रात यानी 23 दिसंबर को फायरिंग की घटना हुई। उसके कुछ देर बाद ही मौके से एक पेट्रोल पंप संचालक ने पुलिस कंट्रोल रूम में फायरिंग की सूचना दे दी थी। फायरिंग करने वाले बदमाश 4 गाड़ियों में आए थे और एक के बाद एक कई फायर किए। पंप संचालक सुरेश कुमार ने बताया कि हम लोगों ने पुलिस को सूचना दी थी, क्योंकि बदमाश हमारी जमीन पर थे, लेकिन शाम को सूचना के बाद मौके पर आई पुलिस उल्टा मेरे ही बेटे को जबरन गाड़ी में डालकर ले जाने लगी।

3. डॉक्टर ने भी माना घायल के पेट पर छर्रे लगे थे

जयसिंह पुरा में फायरिंग के दौरान एक गोली शराब कारोबारी रवींद्र के पेट को छूते हुए निकली थी। जिससे वह घायल भी हुआ। जिसका अस्पताल में उपचार किया गया। पुलिस यदि फायरिंग नहीं मान रही है तो उसके पेट पर गोली से घाव के निशान कैसे हुए। इस मामले में भास्कर ने इलाज करने वाले बुहाना के सरकारी अस्पताल में डॉक्टर हरेंद्र सिंह से जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि घायल के पेट पर छर्रे के निशान थे। जिसे झुंझुनूं रेफर कर दिया गया था।

फायरिंग के आरोपियों को थाने बुलाया, एक को पकड़ा, बाकी को छोड़ा, जो राजीनामे की धमकी देते रहे

23 दिसंबर काे जयसिंहपुरा में विक्रम के फार्म हाउस पर तीन कैंपर व एक जीप में आए बदमाशाें ने अंधाधुंध फायरिंग की थी। इसमें शराब ठेका संचालक रायली कुहाड़वास निवासी रवींद्र सिंह उर्फ धाेलिया के पेट से छू कर गाेली निकली थी। दो दिन पहले बदमाशों ने रवींद्र के ही सेल्समैन अरविंद की हत्या की है।

पुलिस ने फायरिंग के मामले में नानवास निवासी कर्मवीर उर्फ माेंटू काे पुलिस को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। जबकि भिर्र निवासी वीरेंद्र उर्फ बिंदर, माेनू कुहाड़वास, संजय भिर्र समेत अनेक असराेपी फरार चल रहे हैं। रवींद्र सिंह ने आराेप लगाया कि वारदात के कुछ दिन बाद माेनू, माेंटू, साेनू साेहली थाने आए थे। बुहाना थानाधिकारी से मिले। कुछ घंटाें बाद अन्य काे छाेड़ दिया केवल माेंटू काे ही थाने में बैठाया। माेनू कुहाड़वास ने बाहर आने के बाद राजीनामा करने के लिए दबाव बनाया और ऐसा नहीं करने पर मारने की धमकियां दी।
शराब कारोबार में आपसी रंजिश के कारण वारदातें बढ़ रही, लेकिन कार्रवाई नहीं होती इसलिए बदमाश बेखौफ

पुलिस भले ही इस मामले को हल्के में ले रही है, लेकिन यह हरियाणा से सटे बोर्डर इलाके में खौफ का कारण बन रहा है। दरअसल, इस पूरे इलाके में शराब कारोबारियों के बीच आपसी रंजिश और कारोबारी होड़ के कारण इसमें बदमाशों की भूमिका भी सामने आने लगी है। मेघपुर- पांथड़ाेली में सेल्समैन अरविंद की हत्या ऐसा ही मामला है। अरविंद मेघपुर पांथड़ाेली में शराब ठेके पर सेल्समैन था। उसके खिलाफ भी पचेरी कलां थाने में कई संगीन धाराओं में मामले दर्ज हैं।

शराब ठेके की वजह से उसकी कई लाेगाें से अनबन थी। उसकी पहले भी हत्या की याेजना बनाई गई थी। कुछ समय पहले हरियाणा में पकड़े गए पांथड़ाेली के विनाेद उर्फ डाेन ने अरविंद की हत्या करने की बात हरियाणा पुलिस काे बताई थी। इस मामले में भी पांथड़ाेली निवासी विनेाद उर्फ डाेन, रणजीत, राजवीर शर्मा, माेनू कुहाड़वास व साेनू साेहली समेत अन्य लाेग शामिल थे।

वायरल वीडियो : जिसने फायरिंग की सूचना दी पुलिस ने उसे ही धमकाया, जबरन गाड़ी में डाला

23 दिसंबर को फायरिंग की घटना को लेकर जयसिंहपुरा में पेट्राेल पंप संचालक सुरेश कुमार यादव का कहना है कि 23 दिसंबर काे तीन कैंपर व एक जीप में युवक आए थे। बदमाशाें ने उनकी जमीन में आकर फार्म हाउस की तरफ आठ दस फायर किए। हमने खुद काे दरवाजे बंद कर अंदर कर लिया। देर शाम मेरे बेटे कुलदीप ने कंट्राेल रूम में फायरिंग की सूचना दी।

इसके बाद पुलिस ने आकर कुलदीप से बदतमीजी की और पुलिस जीप में डालने लगे। पुलिस की ओर से कंट्राेल रूम में फाेन करने वाले काे धमकाने का उसी दिन का वीडियाे भी वायरल हाे रहा है। जिसमें बुहाना थाने के दाे पुलिस कर्मी पेट्राेल पंप पर आकर एक युवक से जाेर जबरदस्ती कर जीप में डालने का प्रयास करते नजर आ रहे हैं।

इनकी थी जिम्मेदारी

फायरिंग के बाद कार्रवाई में देरी
जयसिंहपुरा में फार्म हाउस पर फायरिंग के आराेपियाें काे पकड़ने की जिम्मेदारी बुहाना थानाधिकारी महेंद्र सिंह की थी। इस मामले की जांच भी थानाधिकारी महेंद्र सिंह कर रहे हैं। इसके बावजूद कार्रवाई में देरी की। 8 दिन बाद 31 दिसंबर को महज एक आराेपी काे गिरफ्तार किया। हिस्ट्रीशीटर समेत अन्य आराेपी फरार हैं।

हत्या के मामले में दबिश दे रहे हैं
बुहाना में फायरिंग मामले में एक आराेपी काे अभी गिरफ्तार किया गया है। अन्य आराेपियाें की तलाश की जा रही है। वहीं मेघपुर - पांथड़ाेली में सेल्समैन के मर्डर के आराेपियाें की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है। पुलिस कंट्राेल रुम में सूचना देने पर किसी काे धमकाने की जानकारी नहीं है।
- मुकेश चौधरी, डीएसपी

खबरें और भी हैं...