शहरी क्षेत्र में कोविड वैक्सीनेशन व्यवस्था सुधरने के बजाय दिनोदिन बिगड़ रही है। वैक्सीन के लिए लगाए जाने वाले शिविरों में व्यवस्था के नाम पर ड्यूटी दे रहे चिकित्सक खुले आम चहेतों-परिचितों को बैक डोर से एंट्री देकर टीके लगवा रहे हैं। इसके कारण घंटों लाइन में लगे लोग झल्लाते भी हैं लेकिन उनके गुस्से को दर किनार कर अपनों को ऑब्लाइज करने का कथित सेवाकार्य बदस्तूर जारी है।
मंगलवार को राजकला राजकीय बाउमावि में लगाए गए टीकाकरण शिविर में ऐसा ही देखने को मिला। इसके लिए शहर को 600 डोज आबंटित हुई। वैक्सीन लगवाने के लिए सुबह आठ बजे से पहले ही लोगों की लंबी लाइनें लग गई। नौ बजे वैक्सीनेशन शुरू हो गया, दस बजते-बजते चार सौ से ज्यादा लोग कतार में खड़े हो गए। करीब सवा दस बजे कुछ लोग कतार तोड़कर आगे बढ़े तो विवाद हो गया।
विवाद बढ़ा तो तहसीलदार मौके पर पहुंचे, अब नगरपालिका ही बांटेगी टोकन
मौके पर मौजूद सीएचसी प्रभारी डॉ. नितेश जांगिड़ ने लोगों को यह कहकर शांत किया कि आज से नई व्यवस्था के तहत नगरपालिका व स्थानीय प्रशासन के सहयोग से टीकाकरण के लिए शिविर स्थल पर ही टोकन बांटे जाएंगे। नगर पालिका एसआई नरेन्द्रसिंह शेखावत व उनके साथी कर्मचारी ने लाइन में खड़े लोगों को टोकन बांटे। लेकिन इस बीच वैक्सीनेशन रूम के पिछले दरवाजे से बिना टोकन वालों को टीके लगवाते देख लोग फिर बिफर गए।
अव्यवस्था के कारण कैम्प प्रभारी डॉ. नवींद्र जांगिड़ से लोगों की बहस भी हुई। चौधरी कालोनी के विकास कटेवा, राजेश राव, महेंद्र सैनी, राजेंद्र निर्मल, विनोद, अशोक भाटी सहित अन्य ने अव्यवस्था को लेकर नाराजगी जताई। मामले की जानकारी लगने पर तहसीलदार गम्भीरसिंह और एएसआई रामावतार तेतरवाल ने शिविर स्थल पर पहुंचकर व्यवस्था बनाई।
टोकन की जिम्मेदारी शहर में नगरपालिका और गांवों में पंचायत की : बीसीएमओ डॉ. संत कुमार जांगिड़ ने बताया कि कोरोना वैक्सीनेशन शिविर के लिए शहरी क्षेत्र में नगरपालिका और गांवों में पंचायत-सरपंच व्यवस्था प्रबंध व टोकन वितरण करेंगे। चिकित्सकीय स्टाफ सिर्फ टीकाकरण ही करेगा।
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