पंजाब की नहर में कार गिरने से उसमें सवार सीकर के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. सतीश कुमार पूनियां, उनकी पत्नी, बच्चे और रिश्तेदारों की मौत ने झकझोर कर रख दिया है। हंसते-खेलते परिवार की खुशियां पलभर में लुट गई हैं। सोमवार रात पूरा परिवार घर लौटने वाला था।
हादसे से अनजान डॉक्टर के माता-पिता अपने बेटे-बहू और पोता-पोती का इंतजार कर रहे हैं। मगर किसी की हिम्मत उन्हें बताने की नहीं है। वहीं अस्पताल स्टाफ और रिश्तेदारों को हादसे की खबर है। सभी उनके साथ बिताए पलों को याद कर गमगीन हो गए है। घूमने के दौरान भी मृतक डॉक्टर ने अपने फोटो सोशल मीडिया पर अपलोड किए थे।
गांव में रहते हैं मां-बाप
पंजाब में हुए हादसे में रींगस CHC में कार्यरत हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. सतीश कुमार की जान चली गई। उनकी पत्नी, बेटा, साला और साले की पत्नी की भी मौके पर ही मौत हो गई। डॉक्टर और उनके बड़े भाई ओमप्रकाश की बेटियों की तलाश की जा रही है। डॉ. सतीश के पिता 65 वर्ष के प्रभुदयाल पूनिया पीटीआई से रिटायर हुए हैं। सीकर से कुछ दूरी पर स्थित गांव में प्रभुदयाल और उनकी पत्नी 60 वर्षीय मनोहरी देवी रहते हैं। साथ में, मझला बेटा भी रहता है। बुजुर्ग मां-बाप को केवल छोटे से एक्सीडेंट के बारे में बताया गया है। वो अब भी अपने बेटे, बहू, पोता-पोती का इंतजार कर रहे हैं।
पारिवारिक जुड़ाव था
सीकर सीएमएचओ अजय चौधरी ने बताया कि डॉ. सतीश पूनियां को वह तीन साल से जानते हैं। उनका पारिवारिक सदस्य की तरह जुड़ाव था। उनमें सेवाभाव कूट-कूट कर भरा था। उन्होंने बताया कि कोविड के समय भी बहुत सराहनीय काम किया था। रींगस में कोविड के समय कोविड केयर सेंटर बनाया था। उस दौरान काफी काम किया था। अधिकांश चिकित्सक संगठनों से वह जुड़े हुए थे। संगठन को लेकर हमेशा एक्टिव रहते थे। 18 अप्रैल तक वापस लौटने का प्रोग्राम था। आज उन्होंने कॉल भी किया था। देर रात तक आने की जानकारी दी थी।
मेरे जूनियर थे
निरोगी राजस्थान के निदेशक लक्ष्मण सिंह ओला ने बताया कि डॉ. सतीश पूनियां उनके जूनियर थे। जब भी किसी से मिलते थे, तो हंसी उनके चेहरे पर हमेशा रहती थी। कई बार मीटिंग के दौरान उनसे मुलाकात होती थी। उनके निधन से हर कोई आहत है। सीएचसी के चिकित्सा अधिकारी डॉ. जितेंद्र यादव व राजकुमार धायल ने बताया कि डॉ. सतीश पूनियां हंसमुख और मिलनसार थे।
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