एसके अस्पताल की राजस्थान मेडिकेयर रिलीफ सोसायटी की बैठक शुक्रवार को जिला कलेक्टर डॉ. अमित यादव की अध्यक्षता में एसके अस्पताल में हुई।
इसमें तय हुआ कि जिले के जिन स्वास्थ्य केंद्राें पर विशेषज्ञ चिकित्सक हैं और वहां एक भी डिलीवरी नहीं हाे पा रही है ताे संबंधित विशेषज्ञों काे पहले नाेटिस जारी किए जाएंगे। सुधार नहीं हाेने पर उनकी ड्यूटी एसके अस्पताल में 24 घंटे के लिए लगाई जाएगी।
जिला कलेक्टर डॉ. यादव ने सार्वजनिक निर्माण विभाग को निर्देश दिए कि अस्पताल से संबंधित निर्माण कार्यों की गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए। चिकित्सालय की छतों की मरम्मत का कार्य जल्दी पूरा किया जाए।
जीर्ण-शीर्ण पुराने सीएमएचओ बंगले की रिपोर्ट तैयार कर वहां अस्पताल के लिए पार्किंग व्यवस्था की जाए। अस्पताल परिसर में सफाई रखने और प्रवेश-द्वार पर एक हेल्पडेस्क की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। ट्रोमा यूनिट में 64 स्लाइड्स की मशीन लगाने के लिए पीछे की तरफ निर्माण कार्य ट्रोमा यूनिट का रिनोवेशन व मरम्मत कार्य एवं स्टोर में रिनोवेशन एवं मरम्मत कार्य करवाना सुनिश्चित करने काे कहा।
काम में लापरवाही बरतने वाले चिकित्सकों पर होगी कार्रवाई : कलेक्टर
एक दिसंबर से फैब्रिकेटेड वार्ड शुरू करने और मुस्कान कार्यक्रम के लिए आवेदन अप्लाई करने के निर्देश दिए। काम में लापरवाही बरतने वाले चिकित्सकों को नोटिस थमाए जाने की बात कही। कलेक्टर ने अस्पताल में आरजीएचएस सेवा की कम प्रगति पर चिंता जताई।
एमसीएच विंग, एनआईसीयू का अलग से विभाग बनाने व पीडियाट्रिशियन की दो यूनिट स्थापित करने के निर्देश दिए। मीटिंग में कल्याण आरोग्य सदन के सदस्य सोमनाथ त्रिहन ने एसके अस्पताल के मैनेजमेंट में सहयोग के लिए अपने ट्रस्ट के चार सदस्यों की सहमति दी। इस दौरान प्रधानाचार्य एसके मेडिकल कॉलेज डॉ. केके वर्मा, अधीक्षक डॉ. महेंद्र कुमार, डाॅ. जीएस थालोड़, नाथूराम ढाका, डाॅ. मीतेश सागर सहित कई अधिकारी माैजूद रहे।
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