विवाह पंचमी पर बुधवार काे नानी गेट स्थित जानकीवल्लभ मंदिर में राम-जानकी विवाह का आयोजन किया जाएगा। महंत मधुसूदनाचार्य ने बताया कि विवाह पंचमी पर प्रवेश द्वार से लेकर गर्भगृह तक साज-सजावट काे अंतिम रूप दिया जा रहा है। बुधवार काे प्रभु श्रीराम और माता सीता का विवाह हाेगा।
काेविड के बढ़ते हुए संक्रमण के चलते मंदिर परिसर में ही बारात निकाली जाएगी। इसके बाद ताेरण रस्म होगी। इससे पहले तिलक, हल्दी आदि रस्में निभाई जाएगी। इसकी शुरुआत शुक्ल पक्ष एकम से हाे गई थी। इसमें राम-सीता की प्रतिमा कोे हल्दी लगाई जाएगी। माता के हाथों पर प्रभु के नाम की मेहंदी भी सजाई जाएगी।
गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण के चलते पिछले साल मठ-मंदिरों में बंदिशों के बीच विवाह पंचमी नहीं मनाई गई थी। हालांकि अब प्रतिबंध कम हो गए हैं, जिसे देखते हुए मंदिरों में धूमधाम से उत्सव मनाने की तैयारियां की जा रहीं हैं। एेसे रहेंगे कार्यक्रम : सुबह नौ बजे जानकीनाथ का पंचामृत अभिषेक, सुबह 10 बजे भजन, पाणिग्रहण संस्कार, दोपहर 12:30 बजे आरती व प्रसाद वितरण हाेगा।
आज होगा 292वां विवाह
संस्कृति से समाज को जोड़ने का ये विवाहोत्सव अद्भुत उदाहरण है। त्रेतायुग में श्रीराम ने शिव धनुष तोड़कर विदेह राज जनक की प्रतिज्ञा पूर्ण की व अपने पिता की आज्ञा से जानकी जी का वरण किया था। समाज में सांस्कृतिक मूल्यों की स्थापना के लिए 290 साल से महोत्सव मनाया जा रहा है। शहर में सबसे पहले जानकी वल्लभ मंदिर में रामजानकी विवाहोत्सव मनाया गया था। तब से ये परंपरा जारी है। इस बार विवाह संस्कार 292वां हाेगा। संवत 1785 में मंदिर बना था।
रामरक्षास्रोत का पाठ करना लाभदायक : रामजानकी विवाह के दिन राम सीता के दरबार का चित्र रखकर विवाह संपन्न करें। रामरक्षा स्रोत का पाठ करें। ऐसा करने से विवाह में आ रही समस्याएं दूर होंगी। चूंकि इस दिन रवियोग और क्षत्र योग है। इसीलिए राम जानकी विवाह का आयोजन कर शर्बत बांटनेे से ऋण व धन संबंधी समस्याओं का समाधान होगा।
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