कोरोना की तीसरी लहर में केस बढ़ते जा रहे है। सीकर में 7 दिनों में 1700 से ज्यादा संक्रमित मिले हैं। जनवरी में 6 मरीजों की मौत हो चुकी है। शुक्रवार को 285 नए कोरोना संक्रमित मिलने के बाद एक्टिव केस की संख्या 1832 हो गई है। हर दिन बढ़ रहे मामलों के बाद भी लापरवाही सामने आ रही है। यहां तक कि हैल्थ वर्कर ही गाइडलाइन की पालना करना भूल गए है।
हर दिन 100 से ज्यादा मरीज रिकवर
सीएमएचओ डॉ. अजय चौधरी ने बताया कि शुक्रवार को 285 नए कोरोना पॉजीटिव केस सामने आए थे। कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच राहत है कि हर दिन 100 से ज्यादा मरीज रिकवर हो रहे हैं। हालांकि मौत का आंकड़ा चिंता का विषय बना हुआ है। चिकित्सा विभाग वैक्सीन के लिए जागरूक कर रहा है।
550 सेंटरों पर लगेगी वैक्सीन
जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. निर्मल सिंह ने बताया कि 24 और 25 जनवरी को हर गांव में टीकाकरण शिविर लगाया जाएगा। हर गांव में टीकाकरण होगा। 550 सेंटरों पर वैक्सीनेशन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सभी सेशन साइट पर 15 से 17 उम्र की आयु के बच्चों को पहली डोज लगाई जाएगी। 18 से 60 तक और इससे अधिक उम्र के लोगों को पहली और दूसरी डोज लगाई जाएगी। इसके अलावा फ्रंट लाइन वर्कर्स, हैल्थ वर्कर्स और गंभीर बीमारियों से ग्रसित 60 व इससे अधिक उम्र के लोगों को प्री-कॉशन डोज लगाया जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग ही भूला कोरोना गाइड लाइन
सीकर के मुण्डरू प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन कार्यक्रम में सर्टिफाइड होने पर शुक्रवार शाम स्वास्थ्य भवन में केक काटकर जश्न मनाया गया। इस दौरान अधिकतर लोग मास्क के बिना ही नजर आए। सोशल डिस्टेंसिंग का भी ध्यान नहीं रखा। कार्यक्रम में सीएमएचओ डॉ. अजय चौधरी, उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सीपी ओला, लेखाधिकारी राजीव कुमार, श्रीमाधोपुर के खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. जेपी सैनी, सीएचसी श्रीमाधोपुर के डॉ. राजेश मंगवा, पीएचसी मुण्डरू के प्रभारी अधिकारी डॉ. मुकेश चौधरी, एएनएम विनोद कुमारी, डीपीएम प्रकाश गहलोत, दक्षता मेंटर डॉ. सावित्री भामू, पीसीपीएनडीटी समन्वयक नंदलाल पूनिया सहित स्वास्थ्य भवन में कार्यरत सभी अधिकारी और कर्मचारी मौजूद थे।
यूरिया लेने आए लोग भूले सोशल डिस्टेंस
रींगस कस्बे के सिटी बस स्टैंड स्थित खाद बीज की दुकान पर यूरिया की गाड़ी आने की सूचना मिलने पर किसानों का हुजूम उमड़ पड़ा और कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां उड़ने लगी। लोग सोशल डिस्टेंस को भुलकर यूरिया पाने की जद्दोजहद करने लगे। पटवारी का बास के कृषि पर्यवेक्षक ने बताया कि रींगस में यूरिया के सौ कट्टे आए थे जिनके लिए भारी भीड़ जमा हो गई लोगों को कड़ी मशक्कत के बाद कतारबद्ध करके यूरिया वितरण किया गया।
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