सांसद सुमेधानंद सरस्वती ने कलेक्ट्रेट स्थित सांसद कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस करके राज्य सरकार पर काम नहीं करने के आरोप लगाए हैं। सांसद ने कहा है कि सरकार काम नहीं कर रही, बल्कि राजनीति कर रही है। पीड़ित को न्याय नहीं मिल रहा, थाने पर जाते हैं तो कोरोना गाइडलाइन के उल्लंघन का हवाला देकर प्रशासन उनको थाने में बंद कर देता है। जब कलेक्ट्रेट के सामने सेवादल के कार्यकर्ता इकट्ठा होकर प्रदर्शन करते हैं तो पुलिस को नजर नहीं आता।
सांसद सुमेधानंद ने कहा कि जलजीवन मिशन के तहत हर घर में पेयजल कनेक्शन के लिए नल लगाने की योजना है। गहलोत सरकार इसमें राजनीति कर रही है। केंद्र से पैसा मिलने के बाद भी उसे खर्च करने में जानबूझकर देरी कर रही है। जिससे योजनाओं का लाभ लोगों को नहीं मिल पाए। सांसद ने कहा कि फतेहपुर लक्ष्मणगढ़ को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने दूसरे कार्यकाल में इंदिरा गांधी नहर का पानी लाने का काम किया था। जो गहलोत सरकार में बजट होने के बाद भी पूरा नहीं हो पाया है।
वाहवाही लेने का प्रोपेगैंडा कर रही राज्य सरकार
केंद्र ने सीकर के 262 गांव के लिए बजट मंजूर किया था। इसके लिए केंद्र से 164 करोड़ की मंजूरी जारी हो चुकी है। इसके बाद भी 20 प्रतिशत पैसा खर्च नहीं हो पाया। जबकि इसमें 50 फीसदी बजट केंद्र ने दे दिया है। स्वीकृति जारी होने से पहले कांग्रेस कार्यकर्ताओं को जानकारी दे दी जाती है और सरकार की वाहवाही लेने की प्रोपेगैंडा किया जाता है।
सांसद ने बताया कि इसी तरह प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में जमीनी धरातल पर स्थिति अच्छी नहीं है। 235 किलोमीटर सड़क के लिए मंजूरी मिल चुकी है। इसके बाद भी राज्य सरकार काम नहीं कर रही। लक्ष्मणगढ़ में जरूर कुछ सड़क मंजूर करवाकर डोटासरा लाए है। लेकिन उसमें केंद्र का जिक्र तक जनता के बीच नहीं कर रहे है।
दूसरे चरण में बांसवाड़ा, डूंगरपुर, उदयपुर में तो अभी पहला चरण ही पूरा नहीं हो पाया है। दूसरे चरण के लिए 137 करोड़ केंद्र ने दिए है। सेंट्रल फंड के तहत खंडेला से पलसाना और दांता से श्रीमाधोपुर तक सड़क की रिपेयरिंग होनी है।
सांसद ने आरोप लगाया है कि जिसमें केंद्र का पैसा लग रहा हो उस योजना के शिलान्यास और उद्धाटन में सासंद को बुलाया जाना चाहिए, लेकिन प्रशासन सरकार की शह पर जानकारी तक नहीं देते है। बताते भी है तो देर रात को या कार्यक्रम से कुछ घंटे पहले। जबकि पत्थर कई दिनों पहले तैयार होते है।
सांसद ने आरोप लगाया है कि पंचायतों को मौजूदा गहलोत सरकार के समय का एक भी पैसा नहीं दिया है। राज्य सरकार ने जो पैसा दिया है वह वसुंधरा सरकार के बजट से मंजूर पैसा है। राज्य सरकार राजनीति कैसे कर रही है इसकी बानगी है कि पलसाना में लगाए आक्सीजन प्लांट में 50 से अधिक लोग मंत्री, अधिकारी व कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद थे, जबकि एससी की महिला प्रधान को ये कहकर नहीं बुलाया गया कि कोराना का खतरा हो सकता है। ऐसे ही खाटूश्यामजी में आक्सीजन प्लांट के कार्यक्रम में दलित महिला नगर पालिका चैयरमेन को नहीं बुलाया गया।
सांसद के साथ प्रेस कांफ्रेंस में पूर्व विधायक रतन जलधारी, गोरधन वर्मा, झाबरसिंह खर्रा, बंशीधर बाजिया, जिलाध्यक्ष इंद्रा चौधरी, किसान मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष हरिराम रणवां, उप जिला प्रमुख ताराचंद धायल मौजूद रहे।
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