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यह 15 फीट लंबी बेल टमाटर की है। यह प्रयोग कर दिया है-आकवा गांव के किसान हनुमान कृष्णियां ने कर दिखाया है। उन्हें बुधवार को हुई आत्मा योजना की मीटिंग में इस नवाचार के लिए कलेक्टर अविचल चतुर्वेदी ने 2019-20 का जिला स्तरीय पुरस्कार देकर सम्मानित किया। योजना के डिप्टी डाइरेक्टर सत्यनारायण गढ़वाल ने बताया कि किसान हनुमान ने बेल पर टमाटर उगाकर नई तकनीक विकसित की है।
यह प्रयोग किसान ने साढ़े चार महीने में ही कर दिखाया। इस बेल के जरिए 8 से 10 किलो टमाटर हासिल कर सकते हैं। जबकि सामान्य तरह से उगाने पर एक पौधा ढाई किलो तक टमाटर देता है। उसकी लंबाई भी 2 से ढाई फीट ही होती है।
हिम शिखर के नाम से जानते हैं टमाटर की इस वैरायटी को...बेल धागे के सहारे बढ़ती है
किसान हनुमान कृष्णियां ने बताया कि इस बैल को तैयार करने के लिए साढ़े चार महीने का समय लगा है। अगस्त में नर्सरी तैयार कर उसे सितंबर में खेत में लगाया था। ड्रिप सिस्टम लगाकर उसमें पानी डालना शुरू किया। इस बेल की वैरायटी हिम शिखर के नाम से जानी जाती है। बेल जैसे-जैसे बड़ी होती है तो उसकी मुख्य शाखा को धागे से बांध देते हैं तथा अन्य शाखाओं की कटिंग करनी पड़ती है। अन्य शाखाओं की कटिंग के बाद मुख्य शाखा बचती है। वह धागे के सहारे आगे बढ़ती रहती है। उसके बाद टमाटर लगने शुरू हो जाते हैं। एक बेल पर करीब 10 किलो टमाटर लगते हैं। एक टमाटर का वजन करीब 150 ग्राम होता है।
समझिए सामान्य पौधे और नई तकनीक में क्या अंतर
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