सीकर के सांवली रोड पर बनने जा रहे कोर्ट कॉम्प्लेक्स का मंगलवार को राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर के चीफ जस्टिस पंकज मित्थल ने शिलान्यास किया। सीकर में बनने वाला यह कोर्ट कॉम्प्लेक्स 15 महीने में बनकर तैयार होगा। 6 मंजिला कोर्ट कॉम्प्लेक्स की कुल लागत 85 करोड़ होगी। पहले चरण के लिए 32 करोड़ रुपए का बजट आवंटित हो चुका है।
इस दौरान राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष महेंद्र मोहन श्रीवास्तव, न्यायाधिपथी चंद्र कुमार सोनगरा, सीकर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेंद्र सिंह चौधरी, सीकर अभिभाषक संघ के अध्यक्ष राजेंद्र कुमार शर्मा, महासचिव सुरेश भास्कर, सीकर जिला कलेक्टर डॉ अमित यादव, एसपी कुंवर राष्ट्रदीप सहित कई अधिकारी और वकील मौजूद रहे।
चीफ जस्टिस विष्णु मित्थल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सबसे पहले तो मैं जीणमाता,खाटूश्याम, सालासर बालाजी को श्रद्धा से नमन करता हूं। मैं बड़ा सौभाग्यशाली हूं कि मुझे वीरों की धरती में आने का मौका मिला। आज यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि न्यायालय के कुशल संचालन के लिए सीकर में नए कोर्ट कॉम्प्लेक्स की नींव रखी गई है।
चीफ जस्टिस ने कहा कि आज मुझे अवगत करवाया गया कि सीकर में वर्तमान में 16 कोर्ट में से केवल 7 कोर्ट के लिए ही भवन उपलब्ध है। अन्य सभी कोर्ट वैकल्पिक व्यवस्था पर चल रहे हैं। आज मुझे अवगत करवाया गया कि कई कोर्ट तो एक लाख रुपए किराया देकर संचालित हो रहे हैं। यह बड़ा गंभीर विषय है। साथ ही पुराने कोर्ट परिसर में पार्किंग सहित तमाम मूलभूत सुविधाओं का भी अभाव है। चीफ जस्टिस ने कहा कि सीकर में 4.5 एकड़ में बनने वाला यह कोर्ट कॉम्प्लेक्स बेसमेंट सहित छह मंजिल का होगा। जिसका काम वाटर हार्वेस्टिंग के साथ 15 अप्रैल 2024 तक पूरा होगा। कोर्ट कॉम्प्लेक्स में टोटल 21 कोर्ट होंगे। जो सभी सुविधाओं से युक्त रहेंगे। ऐसे में यहां काम करने वाले हर एक व्यक्ति की कार्य क्षमता भी बढ़ेगी।
चीफ जस्टिस ने कहा कि मैं अपने अनुभव से समझता हूं कि समय आ गया है कि हमें पुराने कोर्ट कॉम्प्लेक्स को छोड़ना होगा। हर जिले में नए कोर्ट बनाने पड़ेंगे। जिसके लिए जिला स्तर पर 40 से 50 एकड़ जमीन सरकार को आवंटित करनी होगी। इसमें 25 कोर्ट होने चाहिए। उपखंड स्तर पर करीब 20 से 25 एकड़ भूमि मिलनी चाहिए। जिसमें कम से कम 16 कोर्ट हो। इसके अलावा ग्राम स्तर पर 5 एकड़ जमीन मिलनी चाहिए। जिसमें 8 कोर्ट हो।
चीफ जस्टिस ने कहा कि अन्य सभी कोर्ट के लिए भी अलग कॉम्प्लेक्स की आवश्यकता है यदि ज्यादा भूमि मिलती है तो सब को एक साथ संचालित हो सकेंगे। इंफ्रास्ट्रक्चर अच्छा होगा तो जनता को न्याय दिलाने का काम भी सुचारू रूप से चलता रहेगा। सीकर अभिभाषक संघ वर्तमान में 3 कोर्ट के लिए रूम उपलब्ध करवा रहा है। यह समन्वय का एक बेहतरीन उदाहरण है।
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