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अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ (अरिस्दा) में दो फाड़ हो गई है। विचारधाराओं की लड़ाई तो पहले ही थी, अब दोनों गुट एक दूसरे को गलत बताकर कार्रवाई कर रहे हैं। संघ के एक धड़े ने शनिवार को जयपुर में जनरल बॉडी की मीटिंग बुलाकर सीकर सीएमएचओ डॉ अजय चौधरी और पदाधिकारियों को संघ के पदों से बर्खास्त कर दिया, इतना ही नहीं जनरल बॉडी में डाॅ लक्ष्मण ओला को नया प्रदेशाध्यक्ष और डाॅ दुर्गाशंकर सैनी को महासचिव बनाते हुुए कार्यकारिणी गठन के लिए अधिकृत किया है। उधर, अरिस्दा के अध्यक्ष डॉ अजय चौधरी का दावा है कि वे नियमों के साथ पद संभाल रहे है। कुछ लोग पिछले कई सालों से संघ को तोड़ने का काम कर रहे हैं, उनकी आज की बुलाई जीबीएम असंवैधानिक है। इसमें शामिल डॉक्टर्स को अरिस्दा की कार्यकारिणी निलंबित करने का फैसला लेगी।
दरअसल अरिस्दा के अध्यक्ष पद को लेकर घमासान है। डॉक्टर्स का एक धड़ा डाॅ अजय चौधरी के साथ हैं, वहीं दूसरे धड़े का कहना है कि डॉ अजय ने गैरकानूनी तरीके से खुद को काबिज कर रखा है। संघ के नियमों में दो साल में चुनाव होने चाहिए, लेकिन डॉ अजय ने ने सीकर में पद का दुरुपयोग करते हुए दबाव और मिलीभगत से नए साल के बहाने मीटिंग करते हुए संघ के पैसों से कुछ चिकित्सकों को शराब और चिकन परोसकर खुद के समर्थक को अध्यक्ष घोषित करवा लिया। यह नियमों के खिलाफ है।
अरिस्दा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. लक्ष्मणसिंह ओला ने कहा कि 25 जून 2017 के बाद चुनाव नहीं हुए। संगठन से जुड़े डॉक्टरों का कहना है कि डॉ. चौधरी ने जयपुर में 29 जून 2019 को हुई सीएमई में पहुंचे डॉक्टरों से साइन करवा लिए। सीएमई में पहुंचे डॉक्टरों की मौजूदगी को चुनाव बता दिया और इसकी कॉपी रजिस्ट्रार को सौंप दी। संगठन संचालन और हादसों में दिवंगत डॉक्टरों के परिजनों के लिए 50 लाख का चंदा उगाया गया, लेकिन हिसाब नहीं दिया। इसलिए जनरल बॉडी की मीटिंग बुलाई है। वहीं 25 जून 2017 में अरिस्दा के चुनाव में महासचिव चुने गए डॉ. दुर्गाशंकर सैनी का कहना है कि डाॅ. अजय चौधरी संगठन के नाम से डॉक्टरों से चीटिंग कर रहे हैं। सोसायटी एक्ट में यह प्रावधान है कि संगठन का 2 साल से चुनाव कराया जाए। उसी दौरान उपाध्यक्ष रहे डॉ फरियाद मोहम्मद ने भी संगठन में व्यक्तिवाद हावी होना बताया।
उधर, डॉ अजय चौधरी ने जीबीएम करने वालों पर ही सवाल उठाया है। उनका कहना है कि एक गुट है तो संघ को तोड़ना चाहता है। इससे संघ कमजोर होगा। संघ के बनाए गए नियमों में ऐसा है कि जो इसको तोड़ना चाहे उसे हटाया जा सकता है। जल्दी ही कार्यकारिणी के माध्यम से इन पर संघ से निलंबन की कार्रवाई की जाएगी। डॉ अजय चौधरी का कहना है कि अरिस्दा प्रदेश के 15,000 डॉक्टर्स का संगठन है। इसके चुनाव की घोषणा 21 मार्च को कराए जाने की पहले ही घोषणा की जा चुकी है। सभी सेवारत डॉक्टर्स पोस्टल बैलट और ई बैलट से चुनाव में हिस्सा ले सकेंगे।
डॉ चौधरी ने बताया कि पिछला वर्ष लॉकडाउन कोरोना महामारी और बैठकों पर प्रतिबंध के चलते आमसभा संभव नहीं हो पाई थी।सभी डॉक्टर्स कोरोना काल के आपातकालीन ड्यूटी पर थे, इसलिए चुनाव आमसभा जैसी एक्टिविटी स्थगित रखनी पड़ी थी। लेकिन चंद स्वार्थी तत्व इसका लाभ उठा कर इस मजबूत संघ को तोड़ना चाहते है, इसमें कुछ वे लोग भी शामिल है जिन्हें संघ की अनुशासन समिति अनुशासनहीनता और संघ विरोधी गतिविधियों के कारण हटा चुकी है। कुछ संघ विरोधी लोगों ने आज संघ के नाम पर बैठक की है जो असंवेधानिक है। संघ की ओर से मिलने वाली रिपोर्ट के आधार पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
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