शंकर महादेवन और आशा भोंसले सीकर के अली के फैन:उम्र 12 साल, लेकिन 500 स्टूडेंट के गुरु; सारेगामापा के जज भी इनके कायल

सीकर4 महीने पहलेलेखक: सुरेंद्र माथुर
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' जब तुम हमारी उम्र में आओगे, तब भी रहोगे जवान

जब तुम गा रहे थे, आ रहा है कहीं से तूफान

मैं नमन करता हूं, सीकर राजस्थान '

शायरी करने के शौकीन म्यूजिक डायरेक्टर अनू मलिक ने ये सीकर के अली साहब के लिए कहा था। अली साहब एक म्यूजिक टीचर हैं और स्कूल में बच्चों को सिगिंग सिखाते हैं। छोटे-छोटे बच्चों को सिगिंग सिखाने वाले अली साहब खुद 12 साल के हैं और 6th क्लास में पढ़ते हैं।

सीकर के दूजोद गांव के रहने वाले अली हाल ही में सारेगामापा लिटिल चैंप्स में पार्टीसिपेट कर घर लौटा है। उसने कई राउंड क्लियर कर टॉप-12 में जगह बनाई। हालांकि, उसके बाद वह बाहर हो गया, लेकिन अपनी गायिकी से शो के जज शंकर महादेवन, अनु मलिक और नीति मोहन का दिल जीत लिया। मुबंई से लौटने पर सीकर रेलवे स्टेशन पर अली जोरदार स्वागत किया गया। इसके बाद जुलूस के रूप में उनके घर ले जाया गया। जहां ढोल-नगाड़ों के साथ ही फूल माला पहनाकर स्वागत किया गया। उनके दोस्त और स्टूडेंट भी मौजूद रहे।

भास्कर ने अली साहब के घर जाकर बात की। अली साहब अपना गिटार लेकर बैठे थे। हमने भी सबसे पहले एक गाना गाने की गुजारिश की। जिस पर उन्होंने ' खामोशियां आवाज़ है, तुम सुनने तो आओ कभी ', ' छूकर तुम्हें खिल जाएंगी ', ' घर इनको बुलाओ कभी...' सुनाया।

इसके बाद अली साहब ने अपनी लाइफ और शो की जर्नी के बारे में बताया। अली ने बताया कि उनका असल नाम एसम अली खान है। पहले उदयपुर रहता था। साल 2021 में ही माता-पिता के साथ सीकर अपने गांव आया था। गांव के पास ही आकाशदीप स्कूल में एडमिशन लिया था। अली बताते हैं कि केवल 8 साल के थे तब से गाने का शौक है। दोस्त गेम खेलते थे और मैं संगीत का रियाज करता था। साल 2018 में टीवी पर इंडियन आइडल शो देखा था। जैसे-जैसे पार्टिसिपेट गाना गाते। मैं भी साथ गुनगुनाने लगता था।

सारेगामापा लिटिल चैंप्स में 3 राउंड क्लियर किए

सारेगामापा लिटिल चैंप्स के ऑडिशन का टीवी से पता चला था। जयपुर में पहला ऑडिशन हुआ। यहां 2500 बच्चों में से दिल्ली ऑडिशन के लिए मेरा नाम सिलेक्ट हुआ। दिल्ली ऑडिशन में भी करीब इतने ही बच्चे थे। यहां से देशभर के करीब 63 स्टूडेंट सिलेक्ट किए गए। उसके बाद मुंबई में ऑडिशन हुआ। जिसके तीनों राउंड को क्लियर किया। शो के तीनों जज शंकर महादेवन, नीति मोहन और अनू मलिक को उनकी गायकी पसंद आई।

दिन में करीब 4 से 5 घंटे रियाज

अली ने बताया कि पहले राउंड में ही टॉप - 12 के लिए सिलेक्ट हुआ था। हालांकि, टॉप - 12 के बाद शो से बाहर हो गया, लेकिन जजेस को उनकी गायिकी पसंद आई थी। अली को शो में वाइल्ड कार्ड से एंट्री की भी संभावना है। अली का कहना है कि वे डेली कम से कम पांच घंटे रियाज जरूर करते हैं।

स्कूल के बच्चों ने दिया अली साहब नाम

अली ने बताया कि सिगिंग में स्कूल के लिए कई प्रतियोगिता जीती हैं। स्कूल को एक सिगिंग टीचर चाहिए था। इस पर स्टाफ ने मुझे वीकेंड पर बच्चों को सिगिंग सिखाने का मौका दिया। अब अलग-अलग क्लास के करीब 500 बच्चों को सिगिंग सिखाता हूं। बच्चों ने ही एसम को अली साहब नाम दिया। अली ने बताया कि वे हारमोनियम के साथ सिगिंग सिखाता है। परिवार की स्थिति भी ठीक नहीं है अली साहब के स्टूडेंट्स का कहना है कि एज-ए-टीचर अली साहब बहुत अच्छे है। बाकी के टीचर कठोर होते हैं। मायने नहीं रखता कि उनकी एज क्या है। उन्हें सिगिंग के बारे में नॉलेज बहुत है।

4 साल की उम्र से गाना शुरू किया

अली की मां खुशबू ने बताया कि गर्व होता है जब बच्चे उनके बेटे को ' अली साहब ' कहते है। उन्होंने बताया कि बचपन से ही उनके बेटे को म्यूजिक का शौक था। 4 साल की उम्र में ही हारमोनियम बजाने के साथ ही गाना शुरू कर दिया था। गायिकी का यह गुण उन्हें पुश्तैनी मिला है। मां ने बताया कि बेटे की इस जर्नी में सबसे ज्यादा सपोर्ट उनके पति इकबाल ने किया है। जो देर रात भी खुद साथ बैठकर उसे म्यूजिक प्रैक्टिस करवाते थे।

फतेह अली खान और नुसरत अली खान के गाने सुनकर प्रैक्टिस

अली के पिता इकबाल खान ने बताया कि बेटे का जन्म 2010 में हुआ था। 2016 तक गांव में ही रहा, उसके बाद उदयपुर चला गया। बेटे के इंटरेस्ट को देखते हुए उदयपुर में रहते हुए राजेश श्रीवास्तव के यहां कोचिंग करवाना शुरू किया था। घर पर राहत फतेह अली खान और नुसरत अली खान के गाने सुनाते थे। चार महीने में ही बेटा इतना परफेक्ट हो गया कि उसने थार के रॉकस्टार, उदयपुर आइडल जैसे कई लोकल ख़िताब जीते थे। साल 2021 काम न होने के चलते गांव आना पड़ गया।

परदादा के बाद अली ने गाया गाना

एसम के दादा सत्तार खान ने बताया कि एसम के परदादा सुलेमान खान को बदल सम्राट के नाम से जाना जाता था। वह जागरण वगैरह में भजन गाने का काम करते थे। इसके बाद परिवार में किसी ने भी गाने का काम नहीं किया, लेकिन एसम गांव में हमेशा अपने परदादा के गायकी के बारे में सुनता था। ऐसे में उसे भी गायकी में ही इंटरेस्ट हो गया।

अली साहब को देखकर चौंके जजेस

सारेगामापा टॉप-12 के ऑडिशन के दौरान अली साहब के बारे में जानकर तीनों जजेस चौंक गए थे। स्टेज पर स्कूल यूनिफॉर्म में बहुत सारे बच्चे थे। जज शंकर महादेवन ने कहा कि, इतने सारे बच्चे एक साथ परफॉर्म नहीं कर सकते। इस पर बच्चों ने कहा कि, उनके सर परफॉर्म करने आए है। जजेस ने उन्हें समझाया कि ये बच्चों का सिगिंग टैंलेट है बड़ों का नहीं। इस पर बच्चों ने कहा कि, उनके सर भी छोटे है। तब ' अली साहब ' की एंट्री होती है। इस दौरान स्कूल के टीचर भी मौजूद रहे और अली का पूरा परिचय दिया।

जजेस के कहने पर अली साहब ने सारेगामापा पर गाना गया...

' ना जाने दिल विच की आया..एक प्रेम प्याला पी आया

मैं जी आया.., मैं जी आया..मैं प्रेम प्याला पी आया

ओय रमता जोगी, ओय रमता जोगी

होये ओये, होये ओये, होये ओये ओय

रमता जोगी, ओय रमता जोगी

होये ओये, होये ओये, होये ओये...'

शो में मेहमान के तौर पर आई आशा भोंसले ने भी अली साहब की सिगिंग की तारीफ की थी।
शो में मेहमान के तौर पर आई आशा भोंसले ने भी अली साहब की सिगिंग की तारीफ की थी।

प्लेबैक सिंगर बनने का सपना
शो में गाने के दौरान उन्होंने कई सरगम भी गाए। जिन्हें सुनकर जजेस हैरत में रह गए। गाना खत्म होते ही तीनों जजेस अपनी कुर्सी से उठकर अली के पास गए और उन्हें गले लगाया। अनू मलिक ने कहा कि तुमने बता दिया कि क्यों तुम्हें बच्चे अली साहब कहते है। वहीं, शंकर महादेवन ने कहा कि, आपने शो का लेवल बढ़ा दिया। तुम्हारे गाने के तरीके से पता चलता है कि, आप सुखविंदर और नुसरत साहब को फॉलो करते हो। अली साहब का कहना है कि, उनके लिए ऐसे अच्छे कमेंट बहुत बड़े थे। वह बड़े होकर प्लेबैक सिंगर बनना चाहते है।

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