सीकर में पिछले साल 3 दिसंबर को गैंगस्टर राजू ठेहट को सरेआम गोली मारकर उसकी हत्या कर दी गई थी। इस केस के 24वें आरोपी के रूप में आनंदपाल गैंग से जुड़े शक्ति सिंह की गिरफ्तारी हुई है। उससे पूछताछ में पुलिस को कई चौंकाने वाली जानकारी मिली है। सामने आया है कि इनका अगला निशाना ठेहट गैंग का सरगना विजय भार्गव था। उसे मारने के लिए ही शक्ति सिंह ने अपने घर में हथियारों को छुपा रखा था।
पूछताछ में खुलासा हुआ है कि ठेहट को मारने के पीछे आनंदपाल के परिवार की एक लड़की भी शामिल थी। उसने दुबई में बैठकर आनंदपाल के करीबी सुभाष बराल के साथ मिलकर ठेहट को मारने का जिम्मा लॉरेंस बिश्नोई गैंग को सौंपा था। पुलिस ने अभी तक उस लड़की के नाम का खुलासा नहीं किया है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि वह लड़की आनंदपाल की बेटी चीनू भी हो सकती है। शक के दायरे में वह भी है।
ठेहट गैंग का सरगना है विजय भार्गव
विजय भार्गव और शक्ति सिंह दोनों ही सीकर के रानोली इलाके के रहने वाले हैं। विजय ठेहट गैंग और शक्ति सिंह आनंदपाल गैंग का सरगना है। दोनों ही लंबे समय से एक-दूसरे को मारने की फिराक में थे। विजय भार्गव पर किडनैप जैसे कई मामले दर्ज हैं। वहीं शक्ति सिंह पर करीब 8 मामले दर्ज हैं।
आज आनंदपाल और राजू ठेहट दोनों इस दुनिया में नहीं हैं। दोनों की दुश्मनी आज भी कायम है। आज की रिपोर्ट में पढ़िए ठेहट को मारने का आनंदपाल के परिवार ने कैसे प्लान किया? कैसे लॉरेंस गैंग को जिम्मा सौंपा ? कौन है आनंदपाल गैंग का अगला टारगेट? विजय भार्गव और शक्ति सिंह कौन हैं?
सबसे पहले बात आनंदपाल गैंग के शक्ति सिंह की...
जयपुर में दोस्त से मिलने आया, पकड़ा गया
सीकर पुलिस ने 15 मार्च को शक्ति सिंह को जयपुर के कालवाड़ इलाके से गिरफ्तार किया था। एसपी करण शर्मा ने बताया कि शक्ति सिंह ठेहट हत्याकांड के बाद से फरार था। शक्ति सिंह जयपुर के कालवाड़ रोड 200 फीट बाइपास की तरफ अपने किसी परिचित से मिलने आया था। शक्ति का जयपुर में सिरसी रोड इलाके में एक फ्लैट भी है।
कई और बदमाशों के नाम आएंगे सामने
शक्ति सिंह के पास से 4 पिस्टल, 6 मैगजीन, 1 देसी कट्टा , 12 बोर दुनाली बन्दूक और 104 कारतूस बरामद किए गए हैं। उसे फरार चल रहे रोहित गोदारा ने ही हथियार उपलब्ध करवाए थे। एसपी ने बताया कि आरोपी का काम शूटर्स को हथियार, गाड़ियां और लोकल संसाधन उपलब्ध करवाना था। ठेहट मर्डर में यह 24वीं गिरफ्तारी है। एसपी ने बताया कि मामले में और भी कई बड़े बदमाशों के नाम सामने आए हैं। शक्ति सिंह को गुरुवार को कोर्ट में पेश कर 5 दिन के रिमांड कर लिया गया है।
ठेहट गैंग के सरगना को मारने वाला था शक्ति सिंह
पुलिस की मानें तो पूछताछ में शक्ति सिंह ने खुलासा किया है कि उसका अगला टारगेट ठेहट गैंग का सरगना विजय भार्गव था। विजय को मारने के लिए रोहित गोदारा ने उसे हथियार उपलब्ध करवाए हैं। शक्ति सिंह ने हथियारों की सप्लाई लेकर अपने घर में छुपाया था। उसने बाकायदा घर की दीवार में लकड़ी की अलमारी भी बनवाई। इस अलमारी से ही पुलिस ने हथियार बरामद किए हैं। विजय भार्गव राजू ठेहट गैंग का सरगना है।
दुबई में हुई थी ठेहट काे मारने की प्लानिंग
पूछताछ में सामने आया है कि राजू ठेहट मर्डर के तार दुबई से जुड़े हुए हैं। ठेहट को मारने के लिए आनंदपाल के परिवार का बेहद करीबी सदस्य शामिल था। उसने दुबई में बैठकर भारत में आनंदपाल के खास दोस्त सुभाष बराल से बात की थी।
दोनों ने मिलकर कब और कैसे ठेहट को मौत के घाट उतारना है? इसका पूरा प्लान बनाया था। दोनों ने मिलकर मर्डर की पूरी जिम्मेदारी लॉरेंस गैंग को सौंपी थी। पुलिस मामले की जांच कर रही है कि आखिर सुभाष बराल के साथ कौन मिला हुआ था?
आनंदपाल और ठेहट की मरने के बाद भी दुश्मनी जारी...
शराब के अवैध कारोबार से शुरू हुआ दुश्मनी का खेल
आनंदपाल और राजू ठेहट एक-दूसरे के जानी दुश्मन थे। दोनों की दुश्मनी की शुरुआत अवैध शराब के कारोबार से हुई थी। गैंगस्टर राजू ठेहट ने बलबीर बानूड़ा के साथ अवैध शराब का धंधा शुरू किया। दोनों शेखावाटी में अवैध शराब कारोबार की दुनिया में बड़ा नाम बन गए थे। इस बीच भेभाराम का भी अवैध शराब के कारोबार में नाम होने लगा था। ऐसे में ठेहट और बलबीर बानूड़ा ने मिलकर भेभाराम की सीकर के सालासर बस स्टैंड के पास दिनदहाड़े हत्या कर दी थी।
साले की मौत के बाद बानूड़ा बना ठेहट का दुश्मन
बलबीर बानूड़ा ने अपने साले विजयपाल को भी अपने साथ काम में लगाया था। बिजनेस में हुए विवाद के चलते ठेहट ने विजयपाल को मौत के घाट उतार दिया था। बानूड़ा अब ठेहट के खून का प्यासा हो गया था। बानूड़ा ने ठेहट से बदला लेने के लिए नागौर के आनंदपाल को अपने साथ शामिल कर लिया था। बानूड़ा और आनंदपाल ने राजू ठेहट के करीबी गोपाल फोगावट की सीकर में एसके कॉलेज के सामने हत्या कर दी थी।
आनंदपाल का करीबी बना सुभाष बराल
ठेहट ने बानूड़ा और बानूड़ा ने ठेहट को मौत के घाट उतारने की कसम खा ली थी। फोगावट की हत्या के मामले में बलबीर बानूड़ा को उम्रकैद हो गई थी। तब आनंदपाल गैंग में सुभाष बराल नाम का बदमाश शामिल हुआ।
सुभाष बराल धीरे-धीरे आनंदपाल का खास और काफी करीबी बन गया था। दोनों ठेहट गैंग के पीछे लग गए। आनंदपाल और ठेहट गैंग के बीच कई बार वर्चस्व की लड़ाई हुई थी। आखिरकार 2012 तक आनंदपाल, राजू ठेहट और बानूड़ा पुलिस की गिरफ्त में आ गए थे।
जेल के अंदर ठेहट ने बानूड़ा को जान से मरवाया
गैंगस्टर राजू ठेहट को सीकर जेल में शिफ्ट किया गया था। यहां बलबीर का खास दोस्त सुभाष बराल भी बंद था। उसने जेल में ही राजू ठेहट पर फायरिंग कर दी थी, लेकिन ठेहट बच गया था। ठेहट भी अब बदला लेने के लिए तैयार था। उस दौरान बलबीर बानूड़ा और आनंदपाल बीकानेर जेल में बंद थे। तब ठेहट ने आनंदपाल और बानूड़ा को खत्म करने का काम अपने भाई ओमप्रकाश को सौंप दिया था। ओमप्रकाश ने बीकानेर जेल में बंद अपने साले जयप्रकाश और उसके साथी रामपाल से साल 2014 में आनंदपाल और बानूड़ा पर फायरिंग करवा दी। हमले में बानूड़ा तो मारा गया, लेकिन आनंदपाल बच गया। जयप्रकाश और रामपाल की जेल में बंद दूसरे कैदियों ने ही पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। अब ठेहट और आनंदपाल की गैंग एक-दूसरे के जानी दुश्मन बन चुके थे।
आनंदपाल के मरने के बाद ठेहट के पीछे पड़ी लॉरेंस गैंग
राजू ठेहट जेल में बंद था आनंदपाल कोर्ट में पेशी के दौरान फरार हो गया था। साल 2017 में एक एनकाउंटर में आनंदपाल मारा गया था। अब आनंदपाल गैंग पूरी तरह से कमजोर पड़ गई थी। तब राजस्थान में लॉरेंस विश्नोई गैंग की एंट्री हुई थी। इसका जिम्मा रोहित गोदारा गैंग को मिला था। अब वर्चस्व की लड़ाई में ठेहट और लॉरेंस गैंग आमने-सामने थे। दोनों ने एक-दूसरे पर कई बार हमले भी किए थे। इस बीच गैंगस्टर रोहित गोदारा ने आनंदपाल के परिवार और उसके खास सुभाष बराल से मिलना शुरू कर दिया था। दोनों गैंग का एक ही मकसद था, राजू ठेहट को मौत के घाट उतार देना।
दुबई से आनंदपाल के परिवार ने बराल से कॉन्टैक्ट किया
लॉरेंस और आनंदपाल गैंग के लोगों ने राजू ठेहट को मारने की प्लानिंग शुरू कर दी थी। 2022 में सुभाष बराल और राजू ठेहट जेल से जमानत पर बाहर आ गए थे। बराल के जमानत पर बाहर छूटते ही दुबई में बैठे आनंदपाल के घरवालों ने उससे कॉन्टैक्ट करना शुरू किया था। सुभाष बराल ने आनंदपाल के परिवार की एक लड़की के साथ ठेहट को मारने की पूरी प्लानिंग की। सुभाष बराल ने आनंदपाल गैंग के खास सदस्य शक्ति सिंह को, लॉरेंस ने सीकर के बदमाश दिनेश बारी व विक्रम बामरडा को तैयार किया था।
ठेहट को मारने से पहले वैष्णो देवी गए शूटर्स
ठेहट को मारने के लिए जेल में बंद कुछ बदमाशों की जरूरत थी। बदमाशों को जेल में मोबाइल पहुंचाया गया। अब ठेहट को मारने के लिए शूटर्स का तैयार करने का जिम्मा लॉरेंस गैंग के दिनेश बारी को सौंपा गया था। दिनेश बारी को हाल ही में पुलिस ने गिरफ्तार किया है। फिलहाल वह रिमांड पर है। शूटर्स को मेंटली तैयार कर पूरा प्लान बनाया गया था। बराल और लॉरेंस गैंग के सदस्य शूटर्स को गोवा और वैष्णो देवी समेत देश के टॉप टूरिज्म प्लेस पर लेकर गए थे। इसके बाद हथियारों की प्रैक्टिस करवाई थी। 3 दिसंबर 22 को राजू ठेहट को उसके घर के बाहर ही प्री-प्लान तरीके से गोलियों से भून दिया गया था।
शेखावाटी में लॉरेंस गैंग को बढ़ाने वाले थे
सीकर एसपी करण शर्मा ने बताया कि ठेहट को मारने के लिए मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश से लाए गए हथियार शूटर्स को दिए गए थे। सीकर में लॉरेंस और रोहित गोदारा को फॉलो करने वाले करीब 12 लोगों को अब तक पकड़ा जा चुका है। हाल ही में फतेहपुर में अवैध हथियार के साथ गिरफ्तार अजीत कुमार से पूछताछ में सामने आया कि वह शेखवाटी में गैंग के लिए नए लड़कों को तैयार भी कर रहा था। इन्हीं लड़कों से वह लूट जैसे काम भी करवाता है।
लॉरेंस गैंग से जुड़ने वाले थे 12 युवक
पिछले 20 से 25 दिनों में सीकर पुलिस ने लॉरेंस गैंग को सोशल मीडिया पर फॉलो करने वाले 12 से ज्यादा युवकों को भी गिरफ्तार किया है। ये सभी युवक शेखावाटी में लॉरेंस गैंग के ही मेंबर बनने वाले थे। लॉरेंस गैंग के बदमाश शेखावाटी में लॉरेंस बिश्नोई को फॉलो करने वाले युवकों पर पूरी नजर बनाए हुए थे। इनको गैंग से जोड़ने की तैयारी थी।
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