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केंद्र के तीनों कृषि कानून के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा की मंगलवार को कृषि उपज मंडी सीकर में महापंचायत हुई। महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा, हल चलाने वाले अब हाथ नहीं जोड़ेंगे। दिल्ली कान खोलकर सुन ले- लालकिला भूतों का घर है।
ट्रैक्टर वहां नहीं जाएंगे। अबकी बार संसद घेरेंगे। देश में हल क्रांति होगी। इंडिया गेट पर ट्रैक्टर चलेगा। यही हमारा टैंक है। इससे पूर्व किसान नेताओं ने सुबह चूरू के सरदारशहर में महापंचायत की। सभा में मास्क की अनिवार्यता और सोशल डिस्टेंस टूटता नजर आया।
जय किसान आंदोलन के योंगेंद्र यादव ने कहा, राजस्थान की गहलोत सरकार कृषि कानूनों का विरोध कर रही है, लेकिन सीएम गहलोत ने किसानों के लिए क्या किया? बाजरा 2150 रुपए एमएसपी पर बिक रहा तो खरीदा क्यों नहीं? भाजपा नेताओं के घरों को जेल बना दो, उनकी बिजली-पानी की सप्लाई भी बंद कर दो।
अमराराम ने कहा भाजपा नेता आंदोलन को बदनाम कर रहे हैं। वे मोदी की जय बोल रहे हैं। उन्होंने हमारी पगड़ी उछाली है। यह हमें स्वीकार नहीं। भाजपा नेता गांवों में वे आएं तो भाजपा का झंडा उतारकर किसानों का झंडा लगा दो।
गांव की सीमा पर बोर्ड लगा दो प्रवेश बंद हैं। पाकिस्तान, चीन और बांग्लादेश के बॉर्डर पर कंटीले तार नहीं, लेकिन दिल्ली बॉर्डर पर किसानों को रोकने के लिए कीलें लगवा दी। भारतीय किसान यूनियन के महासचिव युद्धवीरसिंह ने कहा, किसानों को सौठा उठाने की जरूरत हैं। उन्होने तंज कसा-कहा जो पत्नी को छोड़ दे। वो देश क्या संभालेगा।
मोदी सरकार तीनों कानूनों को चोर रास्ते से लेकर आई। देश संकट में था, तब जून में अध्यादेश लेकर आई। फिर बहुमत न होते हुए भी राज्यसभा में धक्के से पास कराया। महापंचायत में राजाराम मील ने कहा कि मोदी की हिटलरशाही को खत्म करनी हैं। कोई दाढ़ी बढ़ाने से रविंद्रनाथ टैगोर नहीं बन जाता। महापंचायत के बाद किसान नेताओं ने मीडिया कर्मियों से बात की। उन्होंने कहा, आंदोलन देशभर में 2024 तक चलेगा।
महापंचायत के 7 बड़े बयान
1. सीकर आंदोलन और जीत की धरती : टिकैत ने कहा, सीकर से खड़ा होने वाला आंदोलन सफल जरूर हुआ है। चौधरी चरणसिंह और महेंद्र सिंह टिकैत ने सीकर में किसान आंदोलनों की रणनीति बनाई थी।
2. युवा शरीर पर खेत की मिट्टी लगाकर आएं : किसान नेताओं ने महापंचायत में युवाओं से 40 लाख ट्रैक्टरों से दिल्ली पहुंचने का आह्वान किया। कहा, युवा अपने खेत की मिट्टी शरीर पर लगाकर आएं।
3. देश की खेती को जहर का इंजेक्शन : योगेंद्र यादव ने ट्वीट किया कि खेती की वर्तमान व्यवस्था में सुधार की जरुरत है। लेकिन मोदी जी ने इन तीन कानूनों से देश की खेती- किसानी को तो जहर का इंजेक्शन ही दे दिया।
4. कृषि कानून वापस नहीं होते तक टोल फ्री : किसान नेता अमराराम ने महापंचायत में संबोधित करते हुए संकल्प लिया कि जब तक आंदोलन जीत नहीं लिया जाता। तब तक राजस्थान के टोल फ्री रहेंगे।
5. कृषि कानून को मंडी बंद, बंधुआ और जमाखोरी नाम दिया : वक्ताओं ने केंद्र सरकार द्वारा लागू तीनों कृषि कानून को मंडी बंद कानून, बंधुआ किसान कानून और जमाखोरी छूट कानून करार दिया।
6. गाजीपुर, टिकरी, सिंघु और शाहजहांपुर किसानों के चारधाम : नेताओं ने कहा, किसान एक बार इन चारों धाम की यात्रा जरूर कर लें। 25-30 साल बाद नाती-पोते पूछेंगे, किसान आंदोलन चल रहा था तब आप कहां थे।
7. अब सांसद, विधायकों के घरों का घेराव करेंगे : किसान नेताओं ने कहा, जेल जाने से पहले किसान संसद भवन, सांसद, विधायक और मंत्रियों के घरों की घेराबंदी कर उन्हें जेल जैसा अहसास करवाएंगे।
आगे क्या; 27 को शाहजहांपुर बॉर्डर पहुंचेंगे किसान
किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा, 27 फरवरी को सभी किसान शाहजहांपुर बॉर्डर पर पहुंचे। परिवार से 1 सदस्य जरूर आएं।
महापंचायत में यह शामिल हुए
नवलगढ़ पूर्व विधायक प्रतिभासिंह, पेमाराम, बीएल मील, लक्ष्मणगढ़ प्रधान मदन सेवदा, वीरेंद्रसिंह, करणसिंह बोपिया, बलबीर छिल्लर, सुनीता गठाला, हरफूलसिंह, सांवरमल मुवाल, सुभाष नेहरा, सांवर चौधरी, कुलदीप रणवा, तारा धायल, किशन पारीक, मुस्तफा कुरैशी, कय्यूम कुरैशी, रामरतन यादव आदि।
कांग्रेसी नेता भी हुए शामिल
कृषि मंडी में हुई महापंचायत में लक्ष्मणगढ़ पस प्रधान मदन सेवदा, लक्ष्मणगढ़ पालिका चेयरमैन मुस्तफा कुरैशी, कांग्रेस की सुनीता गिठाला, पिपराली उप प्रधान विकास मूंड आदि कांग्रेसी नेता शामिल हुए।
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