घर-घर औषधि योजना को लेकर बुधवार को जिलास्तरीय टास्क फोर्स की बैठक हुई। इसमें कलेक्टर अविचल चतुर्वेदी ने कहा कि पेड़ जीवन का आधार है। पौधे लगवाने में सहयोग करें। जिले को हरा-भरा बनाए रखने के लिए वन विभाग एवं जिला प्रशासन की ओर से घर-घर पौधे लगाने का कार्य किया जाएगा।उन्होंने बताया कि हमारे जीवन में वृक्ष, जल व पर्यावरण सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि जिला आयुर्वेद अधिकारी पौधों की उपयोगिता जनता तक पहुंचाने के लिए रूपरेखा तैयार करेंगे। पौधे आवश्यकतानुसार प्रत्येक परिवार को मिले, ये सुनिश्चित करें।
औषधीय पौधों की उपयोगिता के बारे में व्यापक प्रचार-प्रसार करना, जिला प्रशासन व वन विभाग के तत्वावधान में जनप्रतिनिधियों, पंचायतीराज संस्थाओं, विद्यालयों, आमजन विभागों आदि से सहयोग लेकर जन अभियान के रूप में क्रियान्वयन करना है। उपवन संरक्षक भींमाराम चौधरी ने घर-घर औषधि योजना के बारे में टास्क फोर्स के सभी सदस्यों को जानकारी देते हुए बताया कि जिले में 10 नर्सरी पर औषधीय पौधे कालमेघ, अश्वगंधा, गिलोय तथा तुलसी के तैयार करवाए जा रहे हैं। प्रति परिवार को छह-छह पौधे इन चारों प्रजातियों के निशुल्क उपलब्ध कराए जाएंगे।
बैठक में सीईओ सुरेश कुमार, पीआरओ पूरणमल, शिवदयाल मीना, राकेश तेतरवाल, रसद अधिकारी शीलावती मीणा, गोपालराम, डॉ. योगेश मिश्रा, ओमप्रकाश राहड़, डॉ. हर्षल चौधरी, मंजुल लोहानी, सीओ स्काउट बसंत लाटा, अशोक कुमार सहित कई अधिकारी मौजूद रहे।
पं. दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय मंच प्रदेश उपाध्यक्ष सुधीर मिश्रा के निर्देश पर कला और संस्कृति मंच के जिला अध्यक्ष के नेतृत्व में पौधरोपण किया। जिलाध्यक्ष संगीता रूलानिया, मोनिका कौशिक, आरती सिंधी, सिया सैनी, मनीषा सैनी, रफीक मुहम्मद, सुभाष सैन, मंसूर अली, पिंटू सैनी, संदीप सैन, भीम सिंह, राकेश सैन, गणपत आदि मौजूद रहे।
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