सीकर के खाटूश्यामजी मंदिर भगदड़ मामले में सरकार के मंत्री ने ही जांच पर सवाल उठाए है। मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने कहा- मंदिर में भगदड़ से श्रद्धालुओं की मौत का यह राजस्थान में पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी जोधपुर-अजमेर में हादसे हुए है। क्या वहां भी कमेटी के सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है? मंत्री ने मंदिर समिति के सदस्यों को थाने में पूछताछ के लिए बुलाने के बाद सोशल मीडिया पर बयान दिया। मामले में सरकार ने संभागीय आयुक्त को जांच सौंप रखी है।
खाचरियावास ने कहा- कुंभ में भी भगदड़ मची थी और लोगों की मौत हुई थी। हज में भी हादसे होते रहे हैं। क्या वहां भी समिति के सदस्यों को पकड़ा गया या पूछताछ की गई? खाटूश्यामजी में मंदिर कमेटी के परिवार के लोगों के घरों में घुसकर रास्ते बंद किए जा रहे हैं। मंदिर के पुजारी सब कुछ बर्दाश्त कर रहे हैं।
मंदिर में राजनीति और जातिवाद नहीं करना चाहिए। खाटूश्याम कस्बे में लोग 5 लाख की शॉप के बदले 2 करोड़ रुपए मांगते हैं। ऐसे में वहां प्लान के अकॉर्डिंग काम होने में समय लगता है। लोग केवल विरोध की बात कर रहे हैं, लेकिन कोई उसका समाधान करने के बारे में नहीं सोच रहा।
इधर, दांतारामगढ़ विधायक वीरेंद्र सिंह ने शुक्रवार को मंत्री के बयान पर पलटवार करते हुए कहा- 'यह बयान देने से पहले प्रताप सिंह कम से कम मुझसे मामला तो पूछ लेते। मैं इस मामले की शिकायत सीएम अशोक गहलोत से करने की बात भी कही है।प्रताप 7 करोड़ लोगों के मंत्री हैं, जिनके कहे शब्द कानून होते हैं। सरकार ने अधिकारियों को सस्पेंड किया और मामले की जांच चल रही है। पहले ही प्रताप सिंह ने क्लीन चिट दे दी।'
वीरेंद्र ने कहा कि सरकार ने मामले में चार अफसरों को सस्पेंड कर दिया तो हमने कुछ भी नहीं कहा, क्योंकि यह परंपरा हो गई है कि जब भी कोई घटना होती है तो वहां अधिकारी को सस्पेंड कर दिया जाता है। प्रताप सिंह खाचरियावास को इस मामले में मंदिर कमेटी का पक्ष लेने की बजाए जनता का साथ देना चाहिए। अगर सरकार का मंत्री कमेटी को क्लीन चिट देता है तो जनता का भरोसा टूटेगा ही।
वीरेंद्र सिंह ने कहा कि मेले के दौरान प्रशासन और सरकार व्यवस्था बनाए रखने के लिए करोड़ों रुपए खर्च करती है। मंदिर कमेटी 100 से 200 मीटर के एरिया में अपने ही गार्ड लगाती है। जब वहां पुलिस लगाने की बात की जाती है तो वह उसके बदले भुगतान न करने की बात करते हैं और कहते हैं कि हमारे पास हमारी व्यवस्था है।
बाउंसर का पुलिस वैरिफिकेशन होना चाहिए
वीरेंद्र ने कहा- खाटूश्याम मंदिर कमेटी ने जो बाउंसर लगाए हुए हैं, उनका लोकल थाने पर वैरिफिकेशन होना चाहिए। हालात तो यह है कि 2 दिन पहले खाटूश्याम गया था तो वहां उत्तर प्रदेश की 2 महिलाएं थीं, जिनका कहना था कि पूरे कस्बे में वॉशरूम तक नहीं मिला। मेले के दौरान तोरण द्वार के पास वॉशरूम बनाया जाता है। जिसकी दूरी काफी ज्यादा है। ऐसे में घंटों तक लाइन में लगने वाला कोई श्रद्धालु वहां नहीं जाएगा। कमेटी ने वहां कोई व्यवस्था नहीं की है।
पैसे वाले लोग चंद मिनट में दर्शन कर लेते हैं
वीरेंद्र सिंह ने कहा कि 2 दिन पहले खाटूश्याम में वीआईपी रास्तों और गेट को बंद किया गया। यह रास्ते रसोइयों और मकानों में बने थे जो मंदिर में निकलते हैं। वीआईपी दर्शनों के चलते गरीब आठ घंटे तक लाइन में लगा रहता है और पैसे वाले लोग महज कुछ मिनट में ही दर्शन करके लौट जाते हैं।
वीरेंद्र सिंह ने कहा- 'सोशल मीडिया पर कल से करणी सेना के सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की ओर से कोई मैसेज चलाया जा रहा है। ऐसे में मैं सीकर के लोगों से अपील करता हूं कि उनकी बातों में नहीं आएं। सरकार मामले की जांच कर रही है उसमें सहयोग करें। वीरेंद्र ने कहा कि शेखावाटी हर आंदोलन में आगे रहा है। ऐसे में कोई धमकी भरे लहजे में बात करके माहौल नहीं बिगाड़े।'
क्या था मामला
8 अगस्त की सुबह खाटूश्याम मंदिर में भगदड़ मच गई थी। हादसे में 3 महिलाओं की मौत हो गई, इनमें एक जयपुर की थीं। 4 लोग घायल हुए थे। इस घटना में पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई थी। सूत्रों के मुताबिक एकादशी पर भारी भीड़ को कंट्रोल करने के लिए पुलिस अमला तैनात नहीं किया गया था।
इस लापरवाही पर SP कुंवर राष्ट्रदीप ने खाटू SHO रिया चौधरी को सस्पेंड कर दिया था। हादसा सुबह 5 बजे तब हुआ, जब एकादशी के मौके पर दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ काफी बढ़ गई थी। बताया जा रहा है कि उस वक्त गेट से बाहर करीब एक लाख लाेग मौजूद थे। देर रात से ही श्रद्धालु लाइन में लगे थे। जैसे ही सुबह मंदिर के पट खुले, भीड़ बेकाबू हो गई और भगदड़ मच गई थी।
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