सांसद सुमेधानंद ने बुधवार काे कलेक्ट्रेट स्थित कार्यालय में प्रेस वार्ता की। सांसद ने राज्य सरकार पर गंभीर आराेप लगाए। उन्होंने कहा कि जिले में सड़क बनाने और स्वच्छ पेयजल आपूर्ति के लिए पैसा केंद्र सरकार भिजवा रही है। अशाेक गहलाेत सरकार विकास कार्याें के नाम पर फूटी काेड़ी खर्च नहीं कर रही है। कांग्रेसी चाेरी-छुपे पत्थर लगाकर अपना नाम खुदवाने में मस्त हैं। पैसा केंद्र सरकार से मिलने के बाद वे कार्यक्रमाें से सांसद और दूसरे जनप्रतिनिधियाें काे दूर रखने का प्रयास करते हैं। वे ऐसा प्रदर्शन करते हैं, जैसे सब-कुछ अशाेक गहलाेत सरकार ही कर रही है।
हकीकत ये है कि वे केंद्र सरकार द्वारा भेजे गए पैसे खर्च भी नहीं कर पा रहे हैं। सुमेधानंद ने कहा कि नरेंद्र माेदी सरकार ने अलग से जल शक्ति मंत्रालय बनाकर 2024 तक लाेगाें काे स्वच्छ जल उपलब्ध कराने का मिशन शुरू किया है। मिशन में जिले के 262 गांवाें में स्वच्छ जल पहुंचाया जाएगा। स्कीम के तहत जिले में 164 कराेड़ रुपए से ज्यादा खर्च किए जाएंगे, लेकिन कांग्रेस जनप्रतिनिधि ऐसा प्रचारित कर रहे हैं जैसे गहलाेत सरकार ने ये पैसे स्वीकृत किए हैं। वसुंधरा सरकार के समय फतेहपुर और लक्ष्मणगढ़ ब्लाॅक में इंदिरा गांधी नहर का पानी पहुंचाने का काम शुरू हुआ, लेकिन इस स्कीम काे गहलाेत सरकार ने फेल कर दिया। सुमेधानंद ने दावा किया जिले में 235.60 किमी लंबी सड़कें बनी हैं। इनमें केंद्र सरकार ने पैसा लगाया है।
खंडेला से पलसाना, रानाेली से दांता, नेछवा से डीडवाना तक बनी सड़क के लिए केंद्र सरकार ने पैसा स्वीकृत किया। उन्हाेंने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था पटरी से उतर चुकी है। सांसद ने कहा कि काेराेना जैसे संकट के समय सीएम अशाेक गहलाेत छुप गए, जबकि प्रदेश की जनता सहायता के लिए इंतजार करती रही। इसके उलट पीएम नरेंद्र माेदी समेत भाजपा शासित प्रदेशाें के सीएम लगातार लाेगाें काे रिलीफ पहुंचाते रहे। सांसद ने जिला प्रशासन पर काेराेना के नाम पर दाेहरा रवैया अपनाने का आराेप लगाया।
एक तरफ भाजपा कार्यकर्ताओं काे दादिया थाने से हटाया जाता है ताे दूसरी तरफ कांग्रेस कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट पर खुलेआम 144 की धज्जियां उड़ाते रहे। सांसद ने प्रशासन के रवैए पर तंज कसा। कहा कि भाजपा कार्यकर्ता पीड़ित परिवार काे न्याय देने की बात करते हैं ताे कांग्रेसी प्रशासन के साथ मिलकर उसमें अड़ंगे डाल देते हैं। काेराेना गाइड लाइन की दुहाई देकर भाजपा कार्यकर्ताओं काे थाने से हटा दिया जाता है, जबकि
सेवादल के लाेगाें काे कटाेरा लेकर व टाॅपी पहनाकर कलेक्ट्रेट के सामने बैठा दिया जाता है। वे खुद तीसरी लहर ईमंत्रित कर रहे हैं। सीकर की जनता सरकार से रिलीफ देने की गुहार लगा रही है, लेकिन सरकार व उसके मंत्री आपस में उलझे हुए हैं। जिले के प्रभारी मंत्री डेढ़ साल तक सीकर नहीं अाए। जिलाध्यक्ष इंद्रा चाैधरी, पूर्व मंत्री बंशीधर बाजिया, झाबरसिंह खर्रा, गाेरधन वर्मा, रतनलाल जलधारी व हरिराम रणवां भी माैजूद रहे।
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