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भारत सरकार की साहित्य अकादेमी, नई दिल्ली द्वारा नव प्रकाशित ‘भारतीय साहित्य रा निर्माता- कन्हैया लाल सेठिया’ का विमोचन गुरुवार को साहित्य अकादेमी के राजस्थानी भाषा परामर्श मंडल समिति के संयोजक व वरिष्ठ साहित्यकार मधु आचार्य आशावादी ने बीकानेर में किया। इस अवसर पर मधु आचार्य आशावादी ने कहा कि कन्हैया लाल सेठिया राजस्थानी भाषा के एक महान कवि होने के साथ साथ स्वतंत्रता सेनानी, सामाजिक कार्यकर्ता, समाज सुधारक और पर्यावरणविद् थे। इस कारण उनकी मातृभूमि सुजानगढ़ के लेखक डॉ. घनश्याम नाथ कच्छावा द्वारा लिखा गया यह विनिबंध सेठिया के व्यक्तित्त्व और कृतित्व को जन -जन तक पहुंचाने का एक महत्वपूर्ण कार्य है।
मधु आचार्य आशावादी ने कहा कि कन्हैया लाल सेठिया जन्म शताब्दी पर साहित्य अकादेमी द्वारा प्रकाशित यह विनिबंध राजस्थानी भाषा के शोधार्थियों, विद्यार्थियों और अध्ययनकर्ताओं के लिए संग्रहणीय व उपयोगी साबित होगा।
डॉ. घनश्याम नाथ कच्छावा ने इस विनिबंध के प्रकाशन के लिए साहित्य अकादेमी का आभार जताते हुए कहा कि 124 पृष्ठ के विनिबंध में सेठिया के जीवन चरित्र, समकालीन युग, उनकी महत्वपूर्ण रचनाओं आदि आलेख समाहित है। राजस्थानी भाषा में लिखे इस विनिबंध की भूमिका स्वयं साहित्य अकादेमी के सचिव डॉ. के. श्रीनिवासराव ने लिखी है।
इस अवसर एसकेडी यूनिवर्सिटी, हनुमानगढ़ के संचालक बाबूलाल जुनेजा ने कहा कि सेठियाजी की रचनाओं को पढ़ते हुए हम राजस्थानी भाषा से संस्कारित हुए हैं। बालकृष्ण थरेजा ने कहा कि साहित्य अकादेमी की भारतीय साहित्य के निर्माता शृंखला साहित्यकारों के व्यक्तित्व-कृतित्व को जानने की महती योजना है। संचालन साहित्यकार हरीश बी. शर्मा ने किया।
पॉजिटिव- आर्थिक दृष्टि से आज का दिन आपके लिए कोई उपलब्धि ला रहा है, उन्हें सफल बनाने के लिए आपको दृढ़ निश्चयी होकर काम करना है। कुछ ज्ञानवर्धक तथा रोचक साहित्य के पठन-पाठन में भी समय व्यतीत होगा। ने...
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