अर्बुदाअंचल की पहाड़ियों में बने सारणेश्वर जी मंदिर परिसर में गुरुवार सुबह करीब 4 बजे एक भालू घुस गया। भालू को देखकर बंदर और मोरों ने चीखना चिल्लाना शुरू कर दिया। इससे सभी लोग जाग गए। करीब 4 घंटे बाद 8.30 बजे भालू पहाड़ियों में लौट गया। सूचना पर वन विभाग के कर्मचारी भी पहुंचे।
सारणेश्वर जी के मुख्य परकोटे के टूटे हुए भाग से सुबह करीब 4 बजे एक भालू ने मंदिर परिसर में प्रवेश किया। भालू को देखते ही बंदर तथा मोरों ने चीखना चिल्लाना शुरू कर दिया। इनकी आवाज सुनकर ग्रामवासी जाग गए तथा मकान की छतों पर सो रहे लोग भी उठकर नीचे घर में आ गए। मंदिर में रह रहे पुजारियों ने गांव में बताया कि एक भालू घुस गया है, जोकि गुस्से में है संभवतः उसके बच्चे उससे बिछड़ गए या कहीं इधर-उधर हो गए। इसी दौरान भालू रहवासी मकानों और दौड़ते हुए उत्तम रावल के मकान के दरवाजे पर पहुंचा। भालू को देखते ही परिजनों ने जोर-जोर से चिल्लाना शुरू किया। इससे वह मंदिर के गेट के सामने से होता हुआ उसके पिछले हिस्से की तरफ दौड़ गया तथा परकोटे की और फैली घनी झाड़ियों में चला गया।
भालू के आने की सूचना मिलने पर कोतवाली पुलिस और वन विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने ग्रामवासियों को दूर हटाते हुए किसी तरह रीछ को वापस परकोटे की ओर भगाया। इस पर रीछ टूटे हुए परकोटे की और दौड़ते हुए बिना किसी को कोई नुकसान पहुंचाए वापस जंगल की ओर लौट गया।
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