राजस्थान पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय बीकानेर (राजुवास) की ओर से संचालित पशु जैव विविधता संरक्षण केंद्र की ओर शुक्रवार को जैव विविधता संरक्षण विषय पर एक दिवसीय शिविर आयोजित किया गया। गवर्नमेंट गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल में आयोजित इस शिविर में 85 छात्राओं ने भाग लिया।
पशु जैव विविधता संरक्षण केंद्र प्रभारी अधिकारी डॉ. मोहनलाल चौधरी के निर्देशन में डॉ. नरसी राम गुर्जर ने जैव विविधता संरक्षण विषय पर एक दिवसीय शिविर में पशु जैव विविधता का महत्व, इसकी उपयोगिता और बचाव बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि जैव विविधता दो शब्दों से मिलकर बना है जैव का अर्थ है जीवन तथा विविधता का अर्थ है भिनता। इसलिए पृथ्वी पर पाएं जाने वाले जीवन के विभिन्न रूपों को ही जैव विविधता कहते हैं। पृथ्वी पर स्थित विभिन्न प्रकार के जीव, जन्तु, पेड़ पौधे, सूक्ष्म जीव, कवक, जीवाणु मिलकर पृथ्वी की जैव विविधता बनाते हैं। भारत में बहुत अधिक विविधता पाई जाती है। पशुधन विविधता का भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान है।
पशु प्रोटीन, परिवार की आय और ग्रामीण क्षेत्रों में लाभकारी रोजगार पैदा करने में पशुधन विविधता का विशेष योगदान है। राजस्थान को जैव विविधता की दृष्टि से समृद्ध माना जाता है। वर्तमान समय में विभिन्न जातियां विलुप्त हो रही हैं। इसलिए जैव विविधता को बचाना चाहिए। वर्तमान समय में जैव विविधता के खतरा है जैसे औद्योगिक विस्तार, कृषि का विस्तार, आक्रामक विदेशी प्रजाति, सड़कों का निर्माण, बढ़ती मानव आबादी, भूमि उपयोग में बदलाव, जंगल की बढ़ती हुई आग, प्राकृतिक जल संसाधनों का क्षतिकरण, प्राकृतिक संसाधनों अत्यधिक उपयोग, समुद्री जैव विविधता का आवासीय नुकसान, वनों की कटाई आदि और जैव विविधता एक परिचय नाम से प्रकाशित बुकलेट बांटी गई। स्टूडेंट्स के विभिन्न सवालों के जवाब दिए गए। शिविर में लगभग 85 छात्राओं ने भाग लिया। इस दौरान कार्यक्रम में कार्यवाहक प्रधानाचार्य अनिता चव्हाण, एनएसएस प्रभारी वर्षा त्रिवेदी, कुसुम परमार, श्रद्धा सिंदल, कल्पना चौहान, पशुधन सहायक हवा सिंह गुर्जर उपस्थित रहे,
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