भारत-पाक बॉर्डर पर शनिवार देर रात फायरिंग हुई। बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) की ओर से पाकिस्तान से भारत की सीमा में घुसे ड्रोन पर गोलियां चलाई गई। हालांकि ड्रोन बच निकला। मामला श्रीगंगानगर जिले के अनूपगढ़ का है। घटना के बाद से BSF अलर्ट हो गई।
भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित कैलाश पोस्ट के पास नापाक हरकत सामने आई है। कैलाश पोस्ट के पास शनिवार रात 12:45 बजे BSF जवानों ने ड्रोन की आवाज सुनाई दी। BSF जवानों ने फायरिंग की, लेकिन ड्रोन बच निकला।
खेत में आज सुबह 4 पैकेट में मिली 14 करोड़ की हेरोइन
रविवार सुबह कैलाश पोस्ट के पास भूपेंद्र सिंह खेत पर गया। खेत में उसे 4 पैकेट दिखाई दिए। ये पैकेट संदिग्ध लग रहे थे। भूपेंद्र ने सूचना सुरक्षा एजेंसियों को दी। BSF, सीआईडी और पुलिस मौके पर पहुंची और पैकेट को खोला तो उसमें साढ़े 3 किलो हेरोइन थी। इनमें एक-एक किलो के तीन पैकेट थे और आधा किलो का एक पैकेट था।
BSF ने हेरोइन जब्त कर ली और सीमावर्ती क्षेत्र में सर्च अभियान चलाया जा रहा है। BSF अफसरों ने बताया कि हेरोइन का बाजार मूल्य करीब 14 करोड़ रुपए है। मामले की जांच नारकोटिक्स ब्यूरो को सौंपी गई है।
देर रात चलाया था सर्च अभियान
BSF जवानों की सूचना पर अफसर मौके पर पहुंचे। BSF और सुरक्षा एजेंसियों की ओर से कैलाश पोस्ट के पास संयुक्त नाकाबंदी की गई। सुरक्षा एजेंसियों की ओर से देर रात सर्च अभियान चलाया गया, लेकिन रात में सुरक्षा एजेंसियों को कोई भी संदिग्ध वस्तु नहीं मिली थी।
4 किलो हेराइन ले जा सकता है ड्रोन
एक ड्रोन के जरिए चार किलो तक के हेरोइन पैकेज भेजे जा सकते हैं। बॉर्डर से दूर होने पर तो इनका पता भी नहीं लगता है। नजदीक आने पर पंखा चलने जैसी हल्की आवाज आती है। BSF जवान जितनी देर में इन पर निशाना साधता है, ड्रोन अपना काम करके पाकिस्तानी सीमा में लौट जाते हैं। इन्हें तीन से चार किलोमीटर दूर से ऑपरेट किया जाता है। आमतौर पर पाकिस्तान की आर्मी पोस्ट के पीछे से। अब BSF बॉर्डर पर एंटी ड्रोन तकनीक डेवलप करने पर विचार कर रही है। इस फील्ड में काम कर रही कंपनियों से संपर्क साधा गया है।
नशा तस्करी में कोड वर्ड से डिलीवरी
हेरोइन तस्करी के लिए 'फलां दुकान के सामने', 'काला गुलाब' जैसे कोड वर्ड इस्तेमाल किए जाते हैं। यही निर्धारित कोड बताने पर हेरोइन की डिलीवरी दे दी जाती है। आरोपी इसे लेकर ज्यादातर पंजाब की ओर चले जाते हैं।
दो साल पहले बदला तरीका
तस्कर करीब दो साल पहले तक पाइप का उपयोग करते थे। पाकिस्तान के हेरोइन तस्कर सीमा के उस पार से चौड़ी पाइप भारत के इलाके में डालते थे और उसके जरिए हेरोइन यहां पहुंचा दी जाती थी। करीब ढाई से तीन साल पहले तक इलाके में ऐसे पाइप पकड़े गए थे, लेकिन अब लंबे समय से तस्करों ने ड्रोन का उपयोग करना शुरू कर दिया है। अब वे सीधे ड्रोन के जरिए इलाके में हेरोइन के पैकेट डालते हैं और यहां के किसानों से संपर्क करते हैं।
पहले भी ड्रोन से सप्लाई की जा चुकी हेरोइन
बता दें पहले भी पाकिस्तान की तरफ से ड्रोन के माध्यम से हेरोइन भारत में गिराई गई थी। पाकिस्तान लगातार हेरोइन की अंतरराष्ट्रीय तस्करी कर रहा है। सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता के कारण पाकिस्तान अपनी नापाक हरकत में कामयाब नहीं हो पाता।
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