पाएं अपने शहर की ताज़ा ख़बरें और फ्री ई-पेपर
Install AppAds से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
पंचायतीराज संस्थाओं के कर्मचारियों और जनप्रतिनिधियों की समस्याओं और परिवेदनाओं का समय पर निस्तारण करने के लिए जिला परिषद स्तर पर परिवेदना निवारण समिति का गठन किया गया है। यह समिति जिले की 269 ग्राम पंचायतों, 7 पंचायत समितियों तथा स्वयं जिला परिषद के कर्मचारियों तथा जनप्रतिनिधियों की जिला स्तर की समस्याओं तथा सेवा से संबंधित परिवेदनाओं का निस्तारण करेगी।
जनप्रतिनिधियों और कर्मचारियों की समस्याओं का त्वरित हल करने के लिए जिला परिषद के सीईओ रामनिवास जाट की पहल पर समिति का गठन किया गया है। समिति जिला प्रमुख की अध्यक्षता में गठित की गई है। इसमें जिला परिषद के सीईओ, विधि अधिकारी तथा पंचायतीराज सेवा परिषद के जिलाध्यक्ष को शामिल किया गया।
जिले के किसी पंचायतीराज जनप्रतिनिधि, जिला केडर के कर्मचारी, नरेगा के संविदा कर्मी व जिला परिषद के स्तर होने वाले निर्णय से प्रभावित कोई भी व्यक्ति न्यायालय में जाने से पहले अपनी परिवेदना इस समिति के समक्ष रख सकते हैं। समिति द्वारा त्वरित सुनवाई कर समस्या का निपटारा किया जाएगा। इससे न्यायालय में जाने वाली परिवेदनाओं में भी कमी आएगी।
इसलिए गठित की समिति: हाईकोर्ट में चल रहे 100 से ज्यादा प्रकरण, सुनवाई नहीं होने पर गए कोर्ट
जिला परिषद व राज्य सरकार के विरुद्ध अकेले हाईकोर्ट में 100 से ज्यादा याचिकाएं विचाराधीन है। जिला स्तर पर सुनवाई नहीं होने के कारण अधिकतर लोगों ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। भविष्य में कर्मचारियों तथा जनप्रतिनिधियों को न्यायालय में जाने के लिए मजबूर नहीं होना पड़े इसलिए जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी द्वारा जिला प्रमुख की अध्यक्षता में परिवेदना निवारण समिति का गठन किया गया है। वर्तमान में उच्च न्यायालय में विचाराधीन अधिकतर मामले कर्मचारियों के नियमित सेवा लाभ, संविदा कर्मियों, मेटों, सरपंचों के विरुद्ध कार्यवाही से संबंधित हैं।
कोर्ट में विचाराधीन अधिकांश प्रकरण जिला परिषद स्तर पर निस्तारण के लिए चिन्हित: जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रामनिवास जाट ने बताया कि कोर्ट में विचाराधीन मामलों में से आधे से अधिक का निस्तारण जिला परिषद स्तर पर ही निस्तारण के लिए चिन्हित कर लिए हैं। जिला परिषद की स्थापना समिति ने गत सप्ताह बैठक कर अध्यापकों के स्थायीकरण, अनुकंपा नियुक्ति, पदोन्नति, नोशनल लाभ, निलंबन से संबंधित 100 से अधिक प्रकरणों का निस्तारण कर दिया है। इनमें से 18 मामले न्यायालयों में लंबित है। इन कर्मचारियों ने अपने मामले न्यायालयों से विड्रॉ करने की सहमति दी है।
न्यायालयों के चक्कर लगाने से मिलेगी निजात, त्वरित होगा समस्याओं का समाधान: सीईओ
पंचायतीराज संस्थाओं के जनप्रतिनिधियों और कर्मचारियों की समस्याओं के निराकरण के लिए परिवेदना निवारण समिति बनाई गई है। जिला स्तर पर सुनवाई होने से परिवादियों तथा सरकारी अधिकारियों को न्यायालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
रामनिवास जाट, सीईओ, जिला परिषद, हनुमानगढ़
पॉजिटिव- व्यक्तिगत तथा पारिवारिक गतिविधियों में आपकी व्यस्तता बनी रहेगी। किसी प्रिय व्यक्ति की मदद से आपका कोई रुका हुआ काम भी बन सकता है। बच्चों की शिक्षा व कैरियर से संबंधित महत्वपूर्ण कार्य भी संपन...
Copyright © 2020-21 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.