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शिक्षा विभाग के श्रीगंगानगर सीबीईओ कार्यालय में 37.38 कराेड़ रुपए के गबन के बाद से काफी सख्ती बरती जा रही है। लेकिन इस बीच एक बार फिर से विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। विभाग ने इस प्रकरण से संबंधित 7 अधिकारी व कार्मिकाें काे 20 फरवरी 2020 में नाेटिस जारी कर दिया था।
लेकिन इन अधिकारियाें व कार्मिकाें काे नाेटिस डिलीवर ही नहीं करवाए गए। शुक्रवार काे इन सभी 7 अधिकारियाें व कार्मिकाें काे नाेटिस भेजे गए।
सूत्राें के अनुसार तत्कालीन बीईईओ बलविंद्र सिंह, बीईईओ सुरेश काैशिक, सीबीईओ हंसराज, बीईईओ सुरेंद्र महर्षि, बीईईओ जगदीश बेनीवाल, एबीईईओ रणवीर सिहाग व विजय जैन काे नाेटिस भेजे गए हैं। उनसे जवाब मांगा गया है।
आपकाे बता दें कि आराेपी ओमप्रकाश शर्मा वर्तमान में मल्टीपर्पज स्कूल में अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रहा है। जानकारी के अनुसार इस मामले की जांच अतिरिक्त निदेशक रचना भाटिया कर रही हैं।
इस मामले में संयुक्त निदेशक देवलता काे भी दी जा चुकी है 16 सीसीए की चार्जशीट
इस मामले में शासन उपसचिव शंकरलाल रहेजा ने संयुक्त निदेशक बीकानेर देवलता चांदवानी काे सेवानिवृत्त हाेने से एक दिन पहले 16 सीसीए की चार्जशीट जारी कर दी थी। शिक्षा निदेशक माध्यमिक साैरभ स्वामी ने मामले की जांच रिपाेर्ट तैयार कर चार्जशीट के लिए सचिवालय भेजी थी।
इसके बाद शासन उपसचिव ने देवलता काे चार्जशीट दे दी। शिक्षा निदेशक ने बताया कि 37.38 कराेड़ रुपए के घाेटाले की जांच पूरी हाेने के बाद भी तत्कालीन संयुक्त निदेशक देवलता इस केस में दखलअंदाजी करती थी। शिक्षा विभाग में 37.38 कराेड़ रुपए के महाघाेटाले का आराेपी शारीरिक शिक्षक ओमप्रकाश शर्मा निलंबित है। मामले में अाराेपी की गिरफ्तारी हुई थी। निलंबन के दाैरान आराेपी काे राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय मल्टीपर्पज श्रीगंगानगर में उपस्थिति दर्ज करवाने के आदेश हैं।
वह अभी यहीं अपनी नियमित रूप से हाजिरी लगा रहा है। आराेपी की नियमित रूप से हाजिरी लगवाने की जिम्मेदारी स्कूल प्रधानाचार्य की है। यदि हाजिरी लगाने में काेई अनियमितता पाई जाती है ताे प्रधानाचार्य पर कार्रवाई हाेगी। सूत्राें के अनुसार आराेपी पीटीआई ओमप्रकाश शर्मा के मामले की जांच लगातार जारी है। इस मामले में कई शिक्षा अधिकारियाें के मिले हाेने की आशंका है। डायरेक्टर साैरभ स्वामी ने भी ओमप्रकाश मामले काे गंभीरता से लिया हुआ है।
उनका कहना है कि इस मामले से जुड़े किसी भी आराेपी काे नहीं छाेड़ा जाएगा। सभी के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करवाई जाएगी ताकि भविष्य में काेई भी शिक्षक इस तरह का कदम न उठा सकें।
विभाग ने 37.38 कराेड़ के गबन मामले से संबंधित सभी अधिकारियाें व कार्मिकाें काे नाेटिस दिए थे। इन सभी अधिकारियाें व कार्मिकाें के खिलाफ जांच लंबित है। इस मामले में किसी भी तरह की काेई भी लापरवाही नहीं बरती जा रही है।
हंसराज यादव, कार्यवाहक सीडीईओ
मैंने अभी कार्यभार संभाला है। इस प्रकरण की गंभीरता काे देखते हुए जल्द से जल्द मामले की अधूरी जांचाें काे पूरा करवाया जाएगा। ताकि विभाग में इस तरह का गबन दुबारा न हाे पाए।
वीरेंद्र सिंह नेगी, एसीबीईओ सेकेंड
जानिए पूरे प्रकरण को
2015 में घोटाला, 2019 में पकड़ में आया...अभी भी चल रही जांच
सीबीईओ कार्यालय में लिपिक के रूप प्रतिनियुक्त रहे ओमप्रकाश शर्मा ने एक ही बिल पर पांच-पांच कर्मचारियाें की सेवानिवृत्ति दिखाकर एक ही दिन में लाखाें का घाेटाला कर लिया था। आराेपी पीटीआई ने ये सभी बिल खुद, पत्नी, साले, भाई व कुछ परिचिताें के नाम से बनाए हुए थे। वर्ष 2015 में यह घाेटाला शुरू हुआ था। विभागीय पड़ताल के अनुसार चार साल में 2019 तक ओमप्रकाश ने 24 लाेगाें के नाम से 515 बैंक खाते खुलवाकर उसमें 37 कराेड़ 38 लाख रुपए ट्रांसफर कर किए थे।
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