इरिगेशन डिपार्टमेंट के रेस्ट हाउस में बुधवार को रेग्यूलेशन कमेटी की बैठक के दौरान किसानों ने हंगामा कर दिया। बैठक में सभी नहरों के अध्यक्षों की भागीदारी रहती है। हर सप्ताह होने वाली बैठक में नहरों में किसानों को मिलने वाले पानी की बारियों तथा किसी नहर की बारियां पिटने पर उन्हें दिए जाने वाले पानी पर विचार विमर्श किया जाता है। बुधवार दोपहर करीब बारह बजे मीटिंग शुरू हुई। एलएनपी, एफ, एच और आरबी नहरों के किसानों ने बैठक में पहुंचकर नहरी पानी की मांग की तथा एलएनपी नहर के किसान तो धरना लगाकर ही बैठ गए। इनसे समझाइश भी की गई लेकिन किसान नहीं माने। इनका कहना था कि उनकी नहर में अभी पानी छोड़ा जाना चाहिए। पानी नहीं मिलने से उन्हें नुकसान हुआ है।
तीन दिन बाद भी नहीं मिला पानी
किसानों का कहना था कि एलएनपी नहर को रविवार सुबह पानी मिलना था लेकिन बुधवार तक पानी नहीं दिया गया है। उनकी बारियां पिट रही हैं और उन्हें इसका नुकसान हो रहा है। उन्होंने नहर में तुरंत पानी छोड़ने की मांग की। गंगनहर परियोजना के अध्यक्ष हरविंद्रसिंह गिल ने किसानों को समझाने की कोशिश की लेकिन वे नहीं माने। किसानों को नहर में पानी छोड़ने का आश्वासन मिलने पर वे मीटिंग हॉल से बाहर निकले।
दोपहर एक बजे पानी छोड़ा तो निकले किसान
किसान गुरलाल सिंह ने बताया कि उन्होंने विरोध जताते हुए अधिकारियों से कहा कि प्रायोरिटी पर जो नहर हो उसी को खोला जाना चाहिए। उन्होंने कहा दोपहर एक बजे एलएनपी नहर खोलने का आश्वासन मिलने के बाद वे लोग मीटिंग स्थल के पास डटे रहे। दोपहर एक बजे जब हैड से नहर खोलने की सूचना मिली तो किसान लौटे।
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