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डॉक्टर के भाई दीपक ने बताई पीड़ा
मेरा नाम दीपक भाटिया है और मैं अपने पिता दिनेश भाटिया व छाेटे भाई डाॅ. प्रिंस भाटिया के साथ सेतिया काॅलाेनी में रहता हूं। बुधवार सुबह मेरे भाई डाॅ. प्रिंस जिसकी शिवपुर (फतूही) सीएचसी इंचार्ज के ताैर पर पाेस्टिंग है, काे गंभीर हालत में जिला अस्पताल लाया गया। उसने काेई जहरीला पदार्थ सेवन कर जान देने की काेशिश की।
मेरे भाई डाॅ. प्रिंस की 2019-20 में बारां जिले में पाेस्टिंग हुई थी। हम लाेग काफी प्रयासाें के बाद उसका श्रीगंगानगर तबादला करवाकर लाए। यहां सीएमएचओ ऑफिस में पंकजकुमार नाम से बाबू है। उसने 50 हजार रुपए लेकर मेरे भाई काे शिवपुर/फतूही सीएचसी में इंचार्ज के ताैर पर ऑर्डर निकाल दिए। मेरे भाई ने वहां ज्वाइन कर लिया ताे काेविड के दाैरान उसे प्रतिनियुक्ति पर जिला अस्पताल में काेविड लैब में लगा दिया।
यहां उसने करीब 8 महीने तक काम किया। आरोप है कि बाबू पंकज ने उसे लैब में आकर गाली गलाैज किया। अब उसे वापस साधुवाली स्टेट नाके पर लगा दिया। वहां पर काम कर ही रहा था कि पंकज बाबू उसे काेविड के काम में ही प्रतिनियुक्ति पर बीकानेर लगाने की बार-बार धमकियां देकर प्रताड़ित कर रहा है।
भाई डाॅ. प्रिंस ने इस संबंध में हर बार घर में बात की। मैं खुद दाे बार बाबू पंकज से मिलकर बात कर चुका। वह मुंह पर बाेलता है कि डाॅ. प्रिंस ताे अपने भाइयाें जैसे हैं। आप चिंता नहीं करें। लेकिन अंदर से उसका प्रताड़ना वाला व्यवहार खत्म ही नहीं हाेता। ऑफिस के बाकी अधिकारियों को इस बारे में पता हाेने के बावजूद बाबू पंकज काे काेई कुछ नहीं कहता। स्थिति यह आ गई है कि इन लाेगाें ने मेरे भाई काे मरने पर मजबूर कर दिया है। भाई के घर से मिले नोट में भी उसने यही कहा है कि वह पंकज से परेशान है। इसलिए मजबूरी में यह कदम उठा है।
(जैसा कि डाॅ. प्रिंस के भाई दीपक भाटिया ने भास्कर काे बताया।)
डा. भाटिया ने भास्कर को कहा... अपना पैसा लगा मेज-कुर्सी की व्यवस्था की, विभाग ने पीड़ा नहीं समझी
डाॅ. प्रिंस ने भास्कर संवाददाता काे अपनी लड़खड़ाती आवाज में धीरे-धीरे बताया कि साधुवाली स्टेट बाॅर्डर पर लगाए गए नाके पर भी उसकी प्रतिनियुक्ति पर ड्यूटी लगा दी।
वहां पर उन्हाेंने खुद अपनी जेब से पैसा खर्च कर छाया, मेज-कुर्सी की व्यवस्था की। सीएमएचओ कार्यालय से काेई व्यवस्था नहीं भिजवाई गई। यहां तक कि बार-बार कहने के बावजूद वहां पर स्टाफ नहीं बढ़ाया जा रहा।
राेजाना एक हजार से अधिक आदमियाें की स्क्रीनिंग और उनका डेटा तैयार करने का काम कर रहे हैं जबकि वहां तीन टीमें हाेनी चाहिए। लाेग हमें जाे मन में आता है, वह कहकर लाैट जाते हैं लेकिन इस पीड़ा काे विभाग नहीं समझता।
पुलिस काे दी सूचना, हैडकांस्टेबल शाम काे बयान दर्ज करने अस्पताल पहुंचे : डाॅ. प्रिंस भाटिया काे शिवपुर सीएचसी से गंभीर हालत में बुधवार सुबह करीब 9 बजे जिला अस्पताल लाया गया। यहां उनकाे आईसीयू में भर्ती किया गया। स्टाफ ने बताया कि उन्हाेंने जहरीला पदार्थ पी लिया। शाम काे हिंदुमलकाेट से हैडकांस्टेबल ने जिला अस्पताल में डाॅ. प्रिंस के बयान दर्ज किए।
प्रमुख सचिव ने बीकानेर में लगाई थी ड्यूटी, इससे परेशान था डाक्टर भाटिया: सीएमएचओ डा.गिरधारीलाल मेहरड़ा ने कहा कि डा.प्रिंस को दो दिन पूर्व प्रमुख सचिव ने बीकानेर मेडिकल कॉलेज में कोरोना वार्ड में ड्यूटी लगा दी। इससे वह मानसिक रूप से परेशान था। इसमें मेरा या मेरे स्टाफ का कोई लेनादेना नहीं है। सरकार ने ही सूची जारी की है, जिनमें यहां के चार डाक्टरों के नाम हैं।
आईएमए की मांग, दोषियों पर कार्रवाई हो: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, श्रीगंगानगर का शिष्टमंडल सचिव डॉ. हरीश रहेजा के नेतृत्व में कलेक्टर से मिला और जिले के डॉ. प्रिंस भाटिया के आत्महत्या प्रयास के संबंध में दोषी व्यक्तियों को सजा दिलवाने की मांग की। ज्ञापन में बताया गया कि श्रीगंगानगर जिले के सरकारी डॉक्टर प्रिंस भाटिया को सीएमएचओ श्रीगंगानगर के ऑफिस स्टाफ पंकज द्वारा लगभग एक साल से मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है।
डॉ. प्रिंस के कई बार निवेदन करने के बावजूद बाबू द्वारा प्रताड़ित किया जाना बदस्तूर जारी रहा। शिष्टमंडल में उपाध्यक्ष डॉ. संदीप सिहाग, यूथ अध्यक्ष डॉ. केके जाखड़, नर्सिग होम एसोसिएशन अध्यक्ष डॉ. दीपक चौधरी व अन्य डॉक्टर्स शामिल थे।
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