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राज्य सरकार की बजट घोषणा में प्रस्तावित सरकारी मेडिकल काॅलेज का भवन बनाने के लिए ड्राइंग स्वीकृत होने के बाद अब आईएमए भवन को हटाने को लेकर गतिरोध बढ़ता जा रहा है। प्रशासन और आईएमए के बीच गुरुवार को हुई तीसरी वार्ता भी विफल हो गई। इसमें आईएमए ने मेडिकल काॅलेज के भवन में चौथी मंजिल पर प्रस्तावित जगह को कम बताते हुए ज्यादा जगह की मांग की है।
इस पर प्रशासन ने ज्यादा जगह देने पर असमर्थता जताई है। इससे दोनों पक्षों में 40 मिनट की जद्दोजहद के बाद भी सुलह के आसार नहीं बने। अब डाॅक्टर्स जयपुर में सरकार के उच्चाधिकारियों से वार्ता करेंगे। वहीं आईएमए की ओर से भवन तोड़ने का विरोध करते हुए स्थगनादेश जारी करने के लिए लगाए सिविल वाद पर कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई होगी। कॉलेज भवन के लिए ड्राइंग निर्माण एजेंसी व चिकित्सा शिक्षा विभाग की ओर से अप्रूव्ड करने के बाद फाइल औपचारिक स्वीकृत के लिए स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा के पास भेजी गई है।
ड्राइंग की फाइल अप्रूवल के लिए स्वास्थ्य मंत्री को भेजी
कलेक्ट्रेट में हुई वार्ता में प्रशासन की ओर से एडीएम प्रशासन भवानी सिंह पंवार, एसडीएम उम्मेद सिंह रतनू और काॅलेज भवन की निर्माण एजेंसी आरएसआरडीसी लिमिटेड के प्रोजेक्ट डायरेक्टर बीएस स्वामी, आईएमए की ओर से पूर्व अध्यक्ष डॉ. संदीप चौहान, डॉ. अजय मिश्रा, डॉ. जितेंद्र सारस्वत, डॉ. पवन सैनी, डॉ. मुकेश मेहता आदि शामिल हुए।
वार्ता के दौरान दौरान आईएएम के प्रतिनिधियों ने कहा कि कॉलेज भवन की चौथी मंजिल पर रिजर्व की जगह थोड़ी है। वहां बनाया जाने वाला एक हाल उनकी गतविधियों के हिसाब से पर्याप्त नहीं है। आईएमए ने भविष्य में कॉलेज शुरू होने के बाद उन्हें आवंटित जमीन आईएमए का अधिकार सुरक्षित रखने की व्यवस्था करने के अलावा उन्हें दो हाल उपलब्ध करवाने की मांग रखी।
इसके जवाब में प्रशासनिक प्रतिनिधियों ने कहा कि कॉलेज भवन में आईएमए के लिए 85 गुणा 85 वर्गफुट जगह आरक्षित रखी जाएगी। इससे ज्यादा जमीन वे दे नहीं सकते। वार्ता में इसी मुद्दे पर गतिरोध बना रहा। इससे विवाद के समाधान के प्रयास के साथ शुरू की वार्ता विफल हो गई। आईएमए भवन को लेकर प्रशासन और आईएमए के बीच एक सप्ताह में तीन बार वार्ता हाे चुकी है। इसमें समाधान नहीं मिला। पहली वार्ता में प्रशासन ने आईएमए को रिजर्व प्राइस पर यूआईटी से जमीन दिलाने या फिर सद्भावना नगर में रिजर्व की 9 बीघा अतिरिक्त जमीन में से आईएमए भवन बनाने के लिए जमीन उपलब्ध करवाने का ऑफर दिया था। जिसे आईएमए ने अस्वीकार कर दिया था। दूसरी वार्ता में कॉलेज भवन में अतिरिक्त या फिर दूसरी जगह जमीन देने में से किसी एक संभावना पर विचार विमर्श हुआ। गुरुवार को तीसरी वार्ता हुई थी।
यह है मेडिकल कॉलेज का प्लान
सद्भावना नगर में बनेंगे क्वार्टर, अस्पताल का होगा विस्तार: पिछले दिनाें अप्रूव्ड ड्राइंग में जिला अस्पताल परिसर में काॅलेज की 9.043 हेक्टेयर जमीन पर आवासीय क्वार्टर बनाना शामिल नहीं किया गया। प्रारंभिक प्रोजेक्ट रिपोर्ट में इस जमीन पर स्टाफ के लिए 72 आवासीय क्वार्टर बनाना प्रस्तावित था। अब सद्भावना में मेडिकल कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए रिजर्व की 9 बीघा अतिरिक्त जमीन पर क्वार्टर बनाए जाएंगे। कॉलेज परिसर में क्वार्टरों की साइट की बची जमीन को भविष्य में किसी अन्य प्रोजेक्ट के विस्तारण के लिए रखा जाएगा। सद्भावनानगर में चिह्नित की 9 बीघा अतिरिक्त जमीन मेडिकल कॉलेज को देने का प्रस्ताव यूआईटी ने पारित कर राज्य सरकार को भेज दिया है।
चार फुट तक भर्ती की जाएगी, अलग पंपिंग स्टेशन बनेगा : कॉलेज भवन के लिए सूरतगढ़ रोड की तरफ फ्रंट साइड में एडमिन भवन बनेगा। इसके बीच दो हॉस्टल सहित अन्य भवन बनेंगे। अस्पताल में एक नया भवन बनेगा। इसमें मरीजों के लिए 350 और बैड लगाए जाएंगे। कॉलेज की जमीन सूरतगढ़ रोड से करीब एक फुट नीची है।
भविष्य में यहां पानी का भराव की समस्या न हो, इसके लिए चार फुट तक मिट्टी की भर्ती की जाएगी। पानी निकासी के लिए मेडिकल कॉलेज भवन के लिए अलग पंपिंग स्टेशन बनाया जाएगा। मंत्री से ड्राइंग की स्वीकृति के बाद कंसलटेंट एजेंसी एस्टीमेट बना देगी। इसमें करीब 7 से 10 दिन लगने की संभावना है। फिर निर्माण के टेंडर कॉल किए जाएंगे।
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