प्रदेश में एथलेटिक्स की बेहतरीन फेसेलिटी डवलप करने के लिए करीब पांच साल पहले श्रीगंगानगर में राज्य स्तरीय सुविधाओं वाला एथलेटिक्स ट्रैक बनाया गया। शानदार ट्रैक पर सेंट्रल गवर्नमेंट ने करीब सात करोड़ रुपए खर्च किए। इसका ज्यादा से ज्यादा खिलाड़ियों को मिल सके, इसे ध्यान में रखते हुए जयपुर से स्टेट ब्वायज एथलेटिक्स एकेडम भी श्रीगंगानगर ट्रांसफर कर दी, लेकिन कोरोना काल में इस एकेडमी के बुरे हाल है।
स्थाई भवन नहीं, टेंप्रेरी बिल्डिंग बन रही कबाड़
एकेडमी जयपुर से श्रीगंगानगर लाई गई तो इसके लिए कोई स्थाई बिल्डिंग नहीं दी गई। जिला खेलकूद प्रशिक्षण केंद्र के एक हिस्से में टेबल टेनिस हॉल में खिलाड़ियों की व्यवस्था की गई । कोरोना काल में इस हॉल से खिलाड़ियों को घर भेज दिया गया लेकिन उसके बाद इस हॉल पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। अब आलम यह है कि इस हॉल में रखे सभी बैड हटवा दिए गए हैं। अब इस हॉल का ज्यादातर सामान कबाड़ में बदल गया है।
बिल्डिंग की हालत जर्जर
एकेडमी जिस टेबल टेनिस हॉल में बनाई गई थी, उसकी स्थिति भी ज्यादा अच्छी नहीं है। एकेडमी के लिए अलग किचन की तो व्यवस्था ही नहीं थी, खिलाड़ियों का खाना भी यहां खुले में बनता था। एकेडमी मार्च 2020 से बंद है। इससे पहले तो यहां कूलर का प्रबंध किया गया। खिलाड़ियों के लिए गद्दे और बैड भी लगवाए गए लेकिन पिछले करीब दो साल में एकेडमी के हाल बेहाल हो गए हैं।
कोरोना के बाद से ऐसे ही हैं हालात
जिला खेल अधिकारी सुरेंद्र कुमार बताते हैं कि कोरोना के बाद से एथलेटिक्स एकेडमी के हालात ऐसे ही हैं। इसका स्थाई भवन तो नहीं है, टेबल टेनिस हॉल में इसे शुरू किया गया था, अब कोरोना समाप्त होने के बाद इसका भवन फिर से सही करवा दिया जाएगा।
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