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अयाेध्या श्रीराम जन्मभूमि में बन रहे भव्य मंदिर के निर्माण के लिए ट्रस्ट देशभर के नागरिकाें से सहयाेग जुटा रहा है। इस मुहीम में शहर के बच्चाें ने स्वत: आगे बढ़कर नगदी दानकर अनूठी पहल की है। बच्चाें ने पाॅकेट मनी की राशि एकत्रित कर दान दी है।
ट्रस्ट से अधिकृत टीम इनके माैहल्ले में बैठक करने पहुंची ताे बच्चाें ने एक साथ अपने गुल्लक सदस्याें काे साैंप दिए। बच्चाें के इस निर्णय से वहां माैजूद प्रत्येक व्यक्ति भाव विभाेर हाे गया। बच्चाें की जिद के चलते उनके गुल्लक की बचत काे इस पुनीत काम में सहयाेग ले लिया गया।
पुरानी आबादी में श्रीराम बारातघर के सामने वाली गली में वार्ड 12 निवासी 16 वर्षीय चंचल, उसके 14 वर्षीय भाई लविश, 13 वर्षीय खुशी, उसके 10 साल के भाई वंश व 10 साल की बच्ची माही ने अपने गुल्लक में जमा जेब खर्च की रकम काे श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण विधि समर्पण अभियान समिति सदस्याें काे साैंप दी। मंदिर निर्माण में जन सहयाेग काे लेकर समिति सदस्य जयकुमार शर्मा के घर पर बैठक हुई थी।
इसमें समिति सदस्य सतीश गाैतम, दयाराम खाेथ, लालाराम, शैलेंद्रकुमार, चरणजीतसिंह उर्फ गाैरी, इकबालसिंह, सूरजचंद्र आदि लाेग माैजूद थे। बच्चाें काे बैठक की जानकारी मिली ताे उन्हाेंने तुरंत आपस में चर्चा कर बैठक में गुल्लक लेकर पहुंच गए और अपना सहयाेग दिया। इन सभी बच्चाें ने छाेटी-छाेटी बचत कर 1009 रुपए एकत्रित किए थे। जाे मंदिर निर्माण के लिए दान कर दिए।
श्रीराम हमारी संस्कृति के आदर्श: दानदाता 16 वर्षीय चंचल से जब इस दान के बारे में पूछा ताे उसने बड़े सरल भाव से बताया कि भगवान श्रीराम ही हमारी संस्कृति के आदर्श हैं। वे हमें जीवन में मर्यादित आचरण की सीख देते हैं। इसलिए हर हिंदू जब किसी से मिलता है ताे सबसे पहले अभिवादन में ही राम-राम बाेलता है। हमारे सबसे बड़े इष्ट देव का घर मंदिर बन रहा है। यह ताे हम सबका साैभाग्य है।
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