श्रीगंगानगर के पदमपुर में रविवार को हुई भाजपा कार्यसमिति की बैठक में कुछ लोगों ने जमकर उत्पात मचाया। उन्होंने यहां न केवल जिला प्रभारी को बैठक में जाने से रोक दिया, बल्कि पुलिस व भाजपा नेताओं के साथ जमकर धक्का-मुक्की की। वे यहीं नहीं रुके, उन्होंने एक महिला नेता को धक्का दिया, उसके कपड़े खींचने की कोशिश की। बचाने आए स्थानीय भाजपा नेता को डंडे मारे।
ये लोग केंंद्रीय कृषि कानूनों का विरोध करते हुए यहां भाजपा कार्य समिति की बैठक स्थल के बाहर प्रदर्शन करने आए थे। किसान संघों के संयुक्त मोर्चा और कम्युनिस्ट नेताओं की अगुआई में यह प्रदर्शन किया गया था। लोकतांत्रिक प्रदर्शन की दुहाई देते-देते ये नेता इतने उग्र हो गए कि उन्होंने सारी हदें पार कर दीं।
असल में स्थानीय पदाधिकारियों के साथ यह महिला कार्यकर्ता भी यहां बैठक में पहुंची थीं। जब अंदर प्रवेश करने लगे तो प्रदर्शन कर रहे लोगों ने घेर लिया। पुलिस पहले से यहां मौजूद थी। पुलिस ने जब इन्हें संरक्षण देने की कोशिश की तो काले झंडे दिखा रहे युवक आगे आ गए और इनमें से कुछ ने झंडों को लपेट लिया और फिर डंडा दिखाया। मारने के इशारे से बात और बिगड़ती दिखी, लेकिन जब महिला कार्यकर्ता को धक्का दिया गया, तो तनातनी बढ़ गई। भाजपा नेताओं को प्रवेश नहीं कराने की जिद को लेकर प्रदर्शनकारियों ने महिला का हाथ पकड़कर खींचा, कपड़े खींचने की कोशिश की। अस्त-व्यस्त स्थितियों के बीच जैसे-तैसे महिला को उग्र प्रदर्शनकारियों के बीच से बचाया गया। इस दौरान झंडे के डंडे से बचाने वाले भाजपा नेता पर वार भी कर दिया। ये लोग अभद्र भाषा का प्रयोग करते भी सुनाई दिए।
पुलिस व भाजपा जिला प्रभारी से धक्का-मुक्की
बैठक शुरू होने के कुछ देर बाद जब जिला प्रभारी व नोखा विधायक बिहारीलाल विश्नोई पुलिस संरक्षण में यहां पहुंचे तो किसान बिलों का विरोध करने वालों ने उनके साथ धक्का-मुक्की की। श्रीगंगानगर फल सब्जी उत्पादक संघ के जिलाध्यक्ष अमरसिंह व माकपा नेता श्याेपत मेघवाल इनकी अगुआई कर रहे थे। जिला प्रभारी गाड़ी से उतरकर जब आगे बढ़े तो किसानों ने उन्हें रोक दिया और आगे नहीं बढ़ने दिया। पुलिस ने बचाया तो काफी तनातनी बढ़ गई। पुलिस ने उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन वे भड़क गए और खींचतान पर उतारू हो गए। पुलिस ने संयम बरतते हुए भाजपा पदाधिकारियों को एक तरफ किया और प्रवेश कराने का फैसला टाला। करीब एक घंटे बाद उन्हें पीछे के गेट से प्रवेश कराया गया। करीब एक घंटे के व्यवधान के बाद बैठक फिर शुरू हो पाई।
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