जिले में रविवार को मदर्स डे मनाया जाएगा। मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य केंद्र जनाना अस्पताल में स्थापित आंचल मदर मिल्क बैंक में अब तक 4 हजार माएं अपना दूध दान देकर हजाराें नवजातों को जीवनदान दे चुकी हैं। ऐसे में उन माताओं को सम्मान दिया जाना बेहद आवश्यक है, जिन्होंने उन बच्चों को जीवनदान दिया, जिन्हें उन्होंने देखा तक नहीं। जिले के मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य केंद्र जनाना अस्पताल में 2 फरवरी 2017 को आंचल मदर मिल्क बैंक की स्थापना हुई। बड़ी बात ये रही कि जब से अब तक मां के जज्बे ने जिले में 4 हजार 430 बच्चों को जीवनदान देने मे अपना योगदान प्रदान किया।
कोरोना काल की उस विकट परिस्थितियों में भी मां का जज्बा कमजोर नहीं हुआ। जिस विकट स्थिति में लोग एक दूसरे की सुध लेने तक में कतरा रहे थे। कोरोना की विकट दौर के तहत अप्रैल 2020 से मई 2021 तक 324 से अधिक महिलाओं ने मदर मिल्क डोनेट कर जरूरतमंद नवजात को जीवन दान में अपना योगदान दिया। आंचल मिल्क बैंक प्रबंधक सुनीता चौधरी का कहना है कि मां के जज्बे ने बैंक की स्थापना से अब तक मदर मिल्क की कमी नहीं आने दी है। पिछले पांच सालों में अब तक 4 हजार 55 माताओं ने 4430 नवजात को जीवन दिया हैं। 13 बच्चें जिनकी मां उनके होते ही मर गई या कोई लावारिस छोड़ गया। ऐसे बच्चों को भी मदर मिल्क बैंक से दूध देकर बचाया गया।
अजमेर के संग्रहण केंद्र में भी भेजा मिल्क
जहां आंचल मदर मिल्क बैंक ने जिले में जरूरतमंद नवजात के लिए वरदान साबित हुआ। वहीं यहां से पांच साल के दौरान 500 यूनिट मिल्क अजमेर भी भेजा गया। एक यूनिट में 30 मिलीलीटर दूध होता है। अब तक जिले के आंचल मदर मिल्क बैंक में 7लाख 46 हजार 255 मिलीलीटर मिल्क माताओं ने डोनेट किया है। वर्तमान में 444 यूनिट मिल्क मौजूद है।
बच्चों के लिए अमृत समान है मां का दूध
डाक्टर्स का कहना है कि किसी माता को दूध नहीं आता है, कोई आपरेशन की वजह से दूध नहीं पिला पाती है। ऐसे बच्चों के लिए ये दूध अमृत समान है। बस इतना ही फर्क है कि ये दूध मां गोद में लेकर नहीं पिलाती हैं। लेकिन मां का ये दूध ज़रुरतमंद बच्चें के लिए उतना ही लाभदायक होता है।
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