टोरडी में के मोहिनी गिरी पर्वत की तलहटी के करीब चल रहे 108 कुंडीय अतिरुद्र महायज्ञ में शनिवार को दिनभर श्रद्धालुओं ने मंत्रध्वनि के साथ हवनकुंड में आहुतियां दी। वहीं रात को बृंदावन से आई रासलीला मंडली के कलाकारों ने कृष्ण लीला की मनमोहक शुरूआत की।
आयोजक संत मोती गिरी महाराज ने द्वीप प्रज्वलन कर राधाकृष्ण की जीवंत झांकियों का पूजन कर रासलीला का विधिवत शुभारंभ किया। शनिवार को 108 कुंडीय महायज्ञ में निर्धारित कार्यक्रम अनुसार सुबह मंडल पूजा व कुंडों का पूजन किया गया। रूद्र पाठ के साथ हवन कुंड में आहुतियां अर्पित की गई एवं संतों के आगमन से वातावरण खुशनुमा बना।
पात्रा साधन के द्वारा आवरण पूजन किया गया व महाआरती यज्ञाचार्य पंडित ब्रजलाल शर्मा बीकानेर व उपाचार्य पंडित घनश्याम दाधीच कलमंडा सहित ब्रह्मा पंडित रमेश शास्त्री टोरडी के सानिध्य में संपन्न की गई। नौ दिवसीय महायज्ञ में दिनभर विद्वान यज्ञाचार्य के सानिध्य में संत मोती गिरी महाराज के संयोजन में आध्यात्मिक कार्यक्रम संचालित हुआ।
वहीं रात को यज्ञ स्थल पर विशाल डोम में बने रंगमंच पर रासलीला मंडली के कलाकारों द्वारा लीला का मंचन किया गया। प्रथम दिवस की लीला में कंस द्वारा बहन देवकी का विवाह कर विदा किया स्वयं रथ वाहक बने। रास्ते में आकाश वाणी से विचलित होकर बहन को पति सहित जेल में डाल दिया। बच्चों की हत्या का सिलसिला शुरू हुआ तथा आठवीं संतान के रूप में अवतरित भगवान कृष्ण की माया का शानदार प्रस्तुतिकरण किया गया। कालिया नाग को नाथ ने की लीला देख सभी हर्षित हुए। यज्ञ समिति के मंत्री गजेंद्र सैनी व रतनलाल जांगिड़ सहित गणेश शर्मा, रिषभ अग्रवाल , रतनलाल जांगिड़ तिलांजु ने बताया कि अतिरुद्र महायज्ञ की व्यवस्थाओं के लिए गठित अलग अलग समितियों द्वारा जिम्मेदारी से देखरेख कर प्रतिदिन महायज्ञ के दर्शन करने आने वाले हजारों श्रद्धालुओं की सुविधाओं पर विशेष ध्यान दे रहें है।
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