राजस्थान उर्दू अकादमी की ओर विश्व उर्दू दिवस पर मौलाना अबुल कलाम आजाद अरबी फारसी शोध संस्थान में कार्यक्रम आयोजित किया गया। ये पहला मौका था, जब राजस्थान उर्दू अकादमी द्वारा इस स्तर का कार्यक्रम टोंक शहर में आयोजित किया गया। इसकी उर्दू प्रेमियों ने सराहना करते हुए कल्चर विभाग एवं राजस्थान उर्दू अकादमी के चेयरमैन डॉ. हुसैन रज़ा के प्रति खुशी का इजहार भी किया।
विश्व उर्दू दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में अल्लामा इकबाल के दर्शन एवं उर्दू के महत्व एवं खिदमात पर रोशनी डाली गई। उर्दू को मेल जोल की जबान बताते हुए यहां पर आए वक्ताओं ने कहा कि उर्दू हिंदुस्तान की भाषा है, जो यहीं पैदा हुई और यहीं पर परवान चढ़ी है। आज भी उर्दू और हिंदी का मेलजोल हमारी गंगा-जमनी तहसीब को मजबूत किए हुए है। इस मौके पर जेएनयू के प्रो. मोईनुद्दीन, अलीगढ़ यूनिवर्सटी के प्रो. सिराज अजमली, प्रो. राजेश मिश्रा, शायर इरशाद अजीज आदि ने अपने विचार व्यक्त किए।
राजस्थान उर्दू अकादमी के चेयरमैन ने कहा कि उर्दू के फरोग के लिए राज्य के कई हिस्सों में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसके तहत टोंक में भी ये आयोजन अल्लामा इकबाल की यौमे पैदाइश पर किया गया। इस मौके पर सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा एवं इकबाल का शिकवा एवं जवाबी शिकाव भी सोहेल साबिरी द्वारा पेश किया गया। कार्यक्रम में उर्दू को फरोग देने के लिए डॉ. सैयद सादिक अली, डॉ. सैयद साजिद अली, डॉ. अरशद अब्दुल हमीद, डॉ. रिफअत अख्तर, कजोड़ बैरवा, सुनीता चावला, कवि गोविद भारद्वाज, एम. असलम, मुराद सईदी के पुत्र फहीमुद्दीन खान सम्मानित भी किया गया। इस मौके पर 19 नवंबर को टोंक में ऑल इंडिया मुशायरे के आयोजन का भी ऐलान किया गया। कार्यक्रम में मिर्जा नसीम बैग, डॉ. राशिद मियां, डॉ. प्रणू शुक्ला, डॉ. यास्मीन फातमा, यूसूफ खान यूनिवर्सल, आबिद शाह, बाकिर हुसैन, बदर अहमद, कैसर मियां, इम्तियाज खान, फैसल हसनी आदि मौजूद थे।
इनपुट-: एम असलम
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