उदयपुर में यूनियन ऑफ इंडिया काउंसलिंग की वेस्ट जोन की दो दिवसीय कांफ्रेंस शनिवार से शुरू हुई। शुभारंभ कार्यक्रम में केन्द्र सरकार के दो मंत्रियों ने भी शिरकत की। कई राज्यों से आए 300 से ज्यादा अधिवक्ताओं ने भाग लिया। विधि मंत्री किरण रिजूजू , विधि राज्यमंत्री एस पी एस बघेल, सुप्रीम कोर्ट जज अजय रस्तोगी भी कॉन्फ्रेंस में मौजूद रहे। राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे के सथ कानून से जुडे़ मसलों पर इसमें मंथन हो रहा है।
केन्द्रीय विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने देश की ज्यूडिशरी के कॉलेजियम सिस्टम को लेकर पहली बार सख्त शब्दों के साथ सार्वजनिक तौर पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि कोई सिस्टम अगर ठीक से नहीं चल रहा है, तो उसमें क्या बदलाव होना चाहिए। इसकी चिंता करना सबका कर्तव्य है। देश की लोअर कोर्ट में जजों की नियुक्ति का एक सिस्टम है और उसके अनुसार ही नियुक्तियां होती हैं। हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में हम चाहते है कि जजों की नियुक्तियां हो। हमने प्रयास किए हैं और बड़ी संख्या में हमने वैकेंसी के प्रतिशत को भी कम किया है।
उन्होंने कोलेजियम सिस्टम पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि अभी कॉलेजियम का सिस्टम है उसके चलते ये असंभव तो नहीं है, लेकिन बहुत मुश्किल काम है। हम चाहते हैं कि ज्यूडिशरी में ज्यादा से ज्यादा जज हो। पूरी ताकत के साथ ज्यूडिशियल पॉवर के साथ काम करें। इस सिस्टम सिस्टम के सामने हमें संघर्ष करना पड़ता है। सिस्टम के तहत हमें जो करना होता है वो हमें करना ही है। कॉलेजियम का एक विजडम होता है और वे चाहें सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट का कॉलेजियम हो। वो अपने तरीके से काम करते हैं।कोई भी सिस्टम 100 प्रतिशत परफेक्ट नहीं हो सकता। उसमें सुधार किया जा सकता।
रिजूजू ने कहा कि राजस्थान वाले ये सोच सकते हैं कि उनके हाईकोर्ट के लिए नाम गए हुए है लेकिन समय लग रहा है। अंदर का जो पूरा प्रोसेस है या क्या इंटरनल रिपोर्ट हैं। उसकी यहां सार्वजनिक चर्चा नहीं कर सकते। हमें अच्छा नहीं लगता कि किसी का नाम रोक कर रखें। कोई जज बनने जा रहे हैं और हम उनको 2 महीना देर करवाएं।
कार्यक्रम में सबसे पहले उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड और प्रधानमंत्री के संदेश भी पढ़कर सुनाए गए। उद्घाटन सत्र के बाद आज दो तकनीकी सत्र का आयोजित हुए। सुप्रीम कोर्ट के जज अजय रस्तोगी ने कहा कि अदालतें खोलने की बजाय मौजूदा अदालतो को पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराए जाए।नए मजिस्ट्रेट को बेहतर ट्रेनिंग की ज़रूरत है, जिससे वो और अच्छा काम कर सके। तकनीकी रूप से सशक्त करने की आवश्यकता पर बल दिया जाना चाहिए। जस्टिस रस्तोगी ने कहा कि देश में क़ानूनों पर अपडेट होने पर दिया ज़ोर दिया जाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट जज जस्टिस अजय रस्तोगी ने कहा कि लीगल प्रोफ़ेशन एक पॉयस वर्क है। युवा वकीलों को खूब पढ़ाई, मेहनत और तकनीक का इस्तेमाल करना चाहिए। साइबर क्राइम, व्हाइट कॉलर क्राइन और बेमानी संपत्ति के मामले बढ़ रहे हैं। ये नए तरीक़े के अपराध है। कार्यक्रम में राजस्थान हाईकोर्ट के एक्टिंग सीजे एम एम श्रीवास्तव, गुजरात हाईकोर्ट के सीजे अरविंद कुमार, सोलिसीटर जनरल ऑफ इंडिया तुषार मेहता मौजूद रहे।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.