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उदयपुर में एक दर्दनाक हादसे में 5 साल के बेटे और 4 महीने की मासूम बच्ची की मौत हो गई। बच्ची मां की गोद में बैठी थी, जबकि बेटा बीच में बैठा था। पिता बाइक चला रहे थे। बच्ची की तबीयत खराब थी। इलाज कराने के लिए एक बाइक पर सभी अस्पताल जा रहे थे। लेकिन, घर से करीब 3 किमी. दूर ही बाइक अनियंत्रित होकर सड़क किनारे 7 फीट के गहरे गढ्ढे में जा गिरी। हादसे में दोनों बच्चों की मौत हो गई, जबकि पति-पत्नी पूरी तरह सुरक्षित हैं। हादसा झाडोल थाना क्षेत्र के पालिया खेड़ा गांव में सोमवार को हुआ।
पुलिस ने बताया कि पालिया खेड़ा गांव में रहने वाले मांगीलाल सोमवार को अपनी पत्नी इंदिरा और दो बच्चों अनिल (5) और मुस्कान (3) के साथ बाइक से अस्पताल जा रहे थे। उनकी बच्ची की तबीयत ठीक नहीं थी। घर से कुछ दूरी पर मांगीलाल की बाइक अनियंत्रित होकर गढ्ढे में जा गिरी। जहां हादसा हुआ, वह पहाड़ी इलाका है। बाइक गिरने से बच्ची मां के हाथ से छूट गई। वहीं बेटे का सिर भी पत्थर से टकरा गया।
हादसे के बाद आसपास के लोगों ने चारों को गढ्ढे से निकाला और अस्पताल भेजा। वहां से दोनों बच्चों की हालत गंभीर होने पर उनको उदयपुर के लिए रेफर कर दिया गया। यहां इलाज के दौरान दोनों बच्चों की मौत हो गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने बच्चों के शवों का पोस्टमार्टम कराके परिजनों को सौंप दिया है।
झाडोल थाना पुलिस ने बताया कि मांगीलाल पत्नी और बच्चों के साथ सोमवार सुबह अस्पताल जा रहा था। इस दौरान घर से लगभग 3 किलोमीटर दूर उसकी बाइक अनियंत्रित होकर खड्डे में जा गिरी। इस हादसे में मांगीलाल और उसकी पत्नी को जहां मामूली चोट आई। वहीं हादसे में 5 वर्षीय अनिल और 4 माह की बेटी मुस्कान को गंभीर चोट आई। जिन्हें शुरुआती उपचार के लिए झाडोल सीएचसी ले जाया गया। हालत बिगड़ने के बाद उन्हें उदयपुर के महाराणा भूपाल चिकित्सालय लाया गया। जहां उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई। वहीं पुलिस ने मासूमों के शव का पोस्टमार्टम कर परिजनों को सौंप दिया है।
पिता पछता रहा, मां बेसुध
इस हादसे के बाद बार-बार मांगीलाल खुद को कोस रहा है। वह कह रहा है कि समझ नहीं आ रहा कि बाइक अचानक कैसे अनियंत्रित हो गई है। मेरी गलती से मेरे दोनों बच्चे चले गए। घर पर सन्नाटा हो गया है। बता दें कि मांगीलाल के दो ही बच्चे थे। वहीं, हादसे में बच्चों की मां को तो चोट नहीं आई, लेकिन बच्चों की मौत से ऐसी चोट लगी कि वह बार-बार बात करते हुए बेसुध हो रही है। उनकी आंखों के सामने बच्चों ने दम तोड़ दिया। रिश्वतेदार उनको समझाते रहे, लेकिन वह भी खुद को इस हादसे का दोषी ठहराती रही।
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