महाराष्ट्र के नवी मुंबई के चैरिटेबल ट्रस्ट चर्च में करीब 4 महीने पहले तीन नाबालिग लड़कियों से यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया। महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने चर्च से जुड़े अनाधिकृत आश्रम स्कूल में छापेमारी करते हुए वहां से 45 लड़के-लड़कियों को छुड़ाया था। आश्रम में मिले नाबालिग बच्चों में 8 बच्चे उदयपुर के थे। जिनमें 6 वर्ष से 14 वर्ष तक की 7 लड़कियां और एक लड़का शामिल है। यह सभी उदयपुर के बड़गांव और आसपास क्षेत्र के रहने वाले हैं।
मंगलवार दोपहर में महाराष्ट्र पुलिस इन्हें उदयपुर लेकर पहुंची, जहां इन सभी मासूमों को बाल कल्याण समिति को सुपुर्द किया गया। इससे पहले करीब एक माह तक ये मासूम महाराष्ट्र की बाल कल्याण समिति द्वारा शेल्टर किये गए थे। अब उदयपुर की बाल कल्याण समिति बच्चों का मेडिकल और बयान के बाद परिजनों को सुपुर्द करेगी।
आपको बता दें कि 24 जून को आश्रम में हुई इस दरिंदगी की सूचना मिलने पर महिला एवं बाल विकास बोर्ड के अधिकारियों द्वारा सभी बच्चों की काउंसलिंग की गई थी। इसमें तीन लड़कियों ने यौन शोषण होने की बात कबूल की थी। इसके बाद इस संबंध में महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला बाल संरक्षण अधिकारी रामकृष्ण रेड्डी ने एनआरआई पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। मामले की गंभीरता को देखते हुए एनआरआई पुलिस ने पादरी येसुदासन के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज करते हुए गिरफ्तार किया था।
पुलिस जांच में सामने आया कि 12 से 14 साल की उम्र की तीन लड़कियों का यौन शोषण किया गया। पीड़ितों ने बताया कि उन्हें कई बार नशीली चीजें देकर सुलाया जाता था। चर्च में बच्चों, मानसिक रूप से विक्षिप्त महिलाओं के साथ हो रहे दुर्व्यवहार की सूचना मिली थी। उसके बाद पुलिस ने छापेमारी कर 45 बच्चों को छुड़ाया था। तब से सभी को उल्हासनगर के सरकारी बाल गृह में रखा गया। इनमें से तीन नाबालिग लड़कियों का यौन शोषण करने के आरोप के बाद पादरी राजकुमार येसुदासन के खिलाफ मामला दर्ज किया जा चुका हैं।
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