जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सतपाल मल्लिक के सुरक्षा सलाहकार रहे अभिनव पंड्या बुधवार को उदयपुर में रहे। इस दौरान उन्होंने भास्कर से बातचीत में बताया कि 6 महीने पहले ही उदयपुर में आतंकियों हमले की आशंका जताई थी। उन्होंने इंटरव्यू में पर्यटन सिटी उदयपुर को आतंकियों के सॉफ्ट टारगेट होने की बात कही थी। कन्हैयालाल कांड के बारे में बोलते हुए पंड्या ने कहा कि पूरे मामले में पुलिस और खास तौर पर इंटेलिजेंस के अधिकारियों की बड़ी लापरवाही है। दोनों ही अपना काम सही तरीके से करते तो इस तरह की घटना से बचा जा सकता था।
पंड्या ने कहा कि कई इंटरनेशनल आतंकी ऑर्गनाइजेशन लंबे से अपनी पैठ बनाना चाह रहे है। इस फ्रेम वर्क में उदयपुर परफेक्ट बैठता है। यहां टूरिज्म के लिहाज से पूरी इकोनॉमी चलती है। उदयपुर में सुरक्षा के इंतजाम उस तरह से नहीं है। जो कश्मीर या दिल्ली में है। इंटेलिजेन्स के रडार पर हमेशा महानगर रहते हैं।
पंड्या ने कहा कि कन्हैयालाल हत्याकांड मामला पूरी तरह ISIS टाइप किलिंग का मामला है। ISIS ने 2015 से 2020 के बीच 2400 से ज्यादा वीडियो डाले हैं। उनमें वो लोग गर्दन को काट रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस हमले के पीछे बड़े स्तर पर लोगों को प्रभावित करना है। ताकि युवा खुद मोटिवेटेड होकर इस तरह की घटनाओं को अंजाम देने लगें।
उदयपुर में स्लीपर सेल एक्टिव होने का दावा किया
पंड्या ने दावा किया कि उदयपुर में स्लीपर सेल एक्टिव है। कन्हैयालाल का केस देखा जाए तो 2014 में रियाज और गौस दोनों पाकिस्तान गए थे। उनका कई लोगों से संपर्क हुआ। उसके बाद वो लोग कई लोगों से संपर्क में थे। दावत ए इस्लामी के जुड़ाव के साथ ही यह लोग कानपुर में भी अपना नेटवर्क चला रहे थे। इस ग्रुप के क्लियर इंटरनेशनल लिंक है। पूरे राजस्थान में PFI की एक्टिविटी फैल रही है। जबकि PFI के लिंक ISIS से है।
पंड्या ने बताया कि इस तरह के अटैक को लोन फूल अटैक कहा जाता है। इस तरह के अटैक में व्यक्ति खुद प्रभावित होकर यह करता है। या कई बार किसी 5-6 लोगों के ग्रुप में करता है। हाइली डवलप कंट्री के लिए यह अटैक बड़े चैलेंज है। बड़ी एजेंसीज के लिए इसे डील करना बड़ा मुश्किल होता है।
राजस्थान पुलिस की इन मामलों में जागरूकता बेहद कम है। ट्रेनिंग स्किल बहुत पूवर है। पहले कभी भी इस तरह की चीजों पर ध्यान नहीं दिया गया। पंड्या ने कहा कि इंटेलिजेंस के अधिकारी पूरी तरीके अलर्ट रहकर लगातार वहां संपर्क में रहते। उनके साथ जाकर बैठते। उनकी तकरीरों में जाकर शामिल होते तो रियाज जैसे ग्रुप के लड़कों से कम्युनिकेशन में आते। धीरे धीरे शायद दोस्ती होने पर वो उनकी की बात भी शेयर करते। वो उनको इस तरह के कुछ वॉट्सऐप ग्रुप में भी जोड़ते।
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