प्रदेश में कांग्रेस सरकार के 3 साल 17 दिसंबर को पूरे हो रहे हैं। सरकार की रीति-नीतियां भी चुनावी मोड में आ रही हैं। इस बीच अपनी बेबाकी के लिए मशहूर दिग्गज कांग्रेस नेता और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने शिक्षा के मौजूदा सिस्टम और आदिवासी आरक्षण सहित कई मुद्दों को नए सिरे से उठाकर अपना विजन दिखाया। डॉ. जोशी ने कहा कि कोरोना के बीच शिक्षा का मौजूदा ढांचा अप्रासंगिक हो गया है। इसके प्रशासनिक-संगठनात्मक तंत्र में बदलाव की जरूरत है। बेरोजगारी को लेकर चल रहे आंदोलनोें के बीच डॉ. जोशी ने कौशल विकास के नाम पर बांटे जा रहे सर्टिफिकेट पर सवाल खड़े किए। बोले-यह प्रशिक्षण लेने वाले 10% युवाओं को भी नौकरी नहीं मिल रही।
गत 25-26 नवंबर को जोशी उदयपुर में सुविवि के नए कैंपस और संविधान दिवस समारोह में पहुंचे थे और टीएसपी के भौगोलिक प्रसार व संसाधनों की कमी के कारण ऑनलाइन क्लास के सीमित असर को लेकर चिंता जताई थी। भास्कर ने इन मुद्दों के अलावा पिछले 2 साल से अटके छात्रसंघ चुनाव, कुलपति चयन की उम्र, आदिवासियों को आरक्षण की सुविधा सहित कई विषयों पर बात की। पढ़िये विशेष साक्षात्कार...
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा- छात्रसंघ चुनाव ऑनलाइन क्यों नहीं कराते? कुलपति की नियुक्ति में उम्र नहीं, नॉलेज देखा जाए
Q. कोरोना के बीच शिक्षा के मौजूदा प्रशासनिक और संगठनात्मक तंत्र में आप किस तरह का बदलाव चाहते हैं?
A महामारी में बोल रहे हैं कि ऑनलाइन पढ़ाएंगे, अच्छी बात है, लेकिन कौन पढ़ाएगा, कैसे पढ़ाएगा? जो बच्चा पढ़ना चाहता है उसके पास मोबाइल नहीं है। मोबाइल है तो माता-पिता पढ़े-लिखे नहीं हैं। टीचर ने पढ़ा दिया, लेकिन कोई उलझन हुई तो किससे पूछेगा? शिक्षक भी ऑनलाइन पढ़ाने को प्रशिक्षित नहीं थे। इसी के समाधान की जरूरत है। इसी के समाधान की जरूरत है। एसटीसी-बीएड कर युवा टीचर बनेंगे, लेकिन इनके पाठ्यक्रम में यह नहीं है कि महामारी में कैसे पढ़ाएंगे।
Q. आप छात्रनेता रहे हैं, प्रदेश में दो साल से छात्रसंघ चुनाव नहीं हुए। क्या छात्रसंघ चुनाव ऑनलाइन नहीं हो सकते?
A बच्चों में नेतृत्व की क्षमता को बढ़ाने के लिए ही छात्रसंघ चुनाव होते हैं। आने वाला समय अगर आईटी का आएगा तो ऑनलाइन चुनाव में क्या तकलीफ है? मेरा मानना है कि मुद्दे पर खूब चर्चा कर हल निकालना चाहिए। जिस तरह की नई विधाएं आई हैं, उनके आधार पर सरकार सब चीजों को आईटी बेस्ड कर रही है तो इस बारे में भी सोचा जाना चाहिए।
Q. बेरोजगारी को लेकर आंदोलन हो रहे हैं? कौशल विकास प्रशिक्षण के जरिये क्या इसका समाधान नहीं हो सकता?
A बेरोजगारों को कौशल विकास का प्रशिक्षण दे रहे हैं। सर्टिफिकेट दे रहे हैं, लेकिन न नौकरी लग रही है, न बैंक लोन दे रहे हैं। बच्चों को ट्रेनिंग दी तो कहां लगी नौकरी? सिर्फ सर्टिफिकेट ही बांटते रहेंगे? सब्सिडी उठ रही है। मास्टर ट्रेनर ऐसी ट्रेनिंग दें कि स्किल डेवलप हो। जापान का स्किल ट्रेनिंग मैथड ऐसा है जिसमें इम्प्लॉयविटी 80% है। हमारे यहां 10% भी नहीं है।
Q. मेवाड़ आदिवासी बहुल है, आप यहां से जुड़े हैं। महाराणा प्रताप के साथ युद्ध में लड़े भील हक से वंचित हैं, क्या हो?
A टीएसपी जियोग्राफिकल एरिया है। इसमें 50% आदिवासी आबादी का क्राइटेरिया तय है। 5 में से 2 रेवेन्यू विलेज को ही टीएसपी में रखा है, जबकि सब आने चाहिएं। महाराणा प्रताप के साथ युद्ध में लड़ने वाले भीलों की नाथद्वारा, कुंभलगढ़, मावली, राजसमंद, सिरोही सहित कई जगह आबादी बिखरी अवस्था में है, जो टीएसपी क्षेत्र में नहीं है। इन्हें भी अवसर मिलें। राज्यपाल नियमों में परिवर्तन कर मुख्यधारा में जुड़वाएं।
Q. राजस्थान में 10 साल के प्रोफेसर के नियम के कारण बुजुर्ग कुलपति बन रहे हैं, क्या शिक्षा व्यवस्था में ये सही है?
A आज कोई आर्टिफिशियल इंटेलीजेंट सीखकर आया, उसे 70 की उम्र में कुलपति बनाओगे तो क्या फायदा? शिक्षाविद् का आधुनिक ज्ञान कितना है, वह कितना अपडेट है इस आधार पर कुलपति चयन में क्या हर्ज है? कोई शिक्षाविद् 70 साल का है लेकिन उसने नॉलेज अपडेट ही नहीं किया तो क्या करोगे? जो भी इस पद पर आए उसका नॉलेज स्तर का इतना होना चाहिए कि वह एकेडमिक लीडरशिप ले सके।
विधानसभा चुनाव 2008 में सीपी जोशी भी सीएम के प्रबल दावेदारों में थे, लेकिन महज 1 वोट से हार कर दौड़ से बाहर हुए।
विस अध्यक्ष बनने के बाद सदन में अनुशासन के प्रति सख्त। सदन में नहीं आने वाले मंत्रियों से कह चुके- आपके चैंबरों पर ताला लगवा दूंगा
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